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अयोध्या में भगवान ऋषभदेव जन्मजयंती

March 17, 2023NewsSurbhi Jain

अयोध्या में भगवान ऋषभदेव जन्मजयंती

यूँ तो हर वर्ष इस युग के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की जन्मजयंती शाश्वत तीर्थ अयोध्या में धूमधाम से मनाई जाती है लेकिन इस वर्ष यह उल्लास विशेष था। और हो भी क्यों न, उनको इस अवध प्रांत के पुण्योदय से सानिध्य मिला था जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी, इस युग की साक्षात् सरस्वती गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती ससंघ का।
आज चैत्र कृष्णा नवमी को प्रात:काल से ऐसा सुन्दर वातावरण था, सुदूर प्रांतों दिल्ली, लखनऊ, टिकैतनगर , बाराबंकी, फतेहपुर, बहराइच, दरियाबाद, मनकापुर आदि से पधारे भक्तों का तांता लगा था, अयोध्या का रायगंज परिसर दुल्हन की तरह सजा था। लोग भगवान की एक छवि देखने, उनके चरणस्पर्श को लालायित हो रहे थे। प्रात: जिनमंदिर में छ: बजे से श्रीजी के पंचामृत अभिषेक एवं भगवान के जन्मकल्याणक की खुशी में सुमधुर मंगल वाद्यों से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ, पुन: पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के मंगल आशीर्वाद से सभी ने भगवान ऋषभदेव के जीवनवृत्त को जाना।
प्रात: ८ बजे जब अयोध्या की पावन गलियों में अति मनोरम रथ पर पूज्य माताजी ससंघ के सानिध्य में श्रीजी की शोभायात्रा निकली उस समय की छटा अद्भुत थी। बैण्ड बाजों की ध्वनि पर थिरकते जैन धर्मावलम्बियों के साथ-साथ अनेक जैनेतर बन्धु भी मार्ग में थिरक कर महान पुण्य का अर्जन कर रहे थे, जुलूस के मध्य स्वयं अयोध्या तीर्थक्षेत्र के पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी लाडू का प्रसाद वितरित कर रहे थे, पुष्पवृष्टि हो रही थी।
श्रीजी की यह शोभायात्रा भगवान ऋषभदेव की वास्तविक जन्मभूमि प्रथम टोंक पर पहुँची जहाँ भगवान ऋषभदेव की दुग्ध सदृश श्वेत प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक हुआ, मध्याह्न में ३ बजे से रायगंज मंदिर में विराजमान ३१ फुट ऊँची मनोज्ञ ऋषभदेव जिनप्रतिमा का अनेक रस, दूध, दही, घी, चंदन, सर्वौषधि आदि पंचामृत कलशों से विशेष अभिषेक हुआ पुन: पालना का भी कार्यक्रम हुआ। रात्रि में भजन संध्या, भक्तामर दीप आराधना, आरती आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इस प्रकार शाश्वत तीर्थ पर प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की जन्मजयंती धूमधाम से सम्पन्न हुई।

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