[[श्रेणी:हिन्दी_साहित्य]]
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[[Image:Indradhwaj Vidhan.jpg” /> इन्द्रध्वज विधान कवर पेज]]
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! colspan=”2″ bgcolor=”#6699FF” style=”font-size: larger;” ” इन्द्रध्वज विधान के विषय में
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” प्रकाशक
” दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर
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” लेखक
” गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी
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” पुस्तक के विषय में
” खतौली (उ.प्र.) के चातुर्मास में श्रावण कृष्णा १, वी. नि. सं. २५०३ से प्रारंभ कर वी. नि. सं. २५०२, कार्तिक कृ. अमावस्या दीपावली पर्व सन् १९७६ में पहली बार स्वतंत्ररूप से इसे
हिन्दी भाषा में पूज्य माताजी द्वारा लिखा गया। तब से सारे देश में इस विधान की धूम मची हुई है। इसमें मध्यलोक के ४५८ अकृत्रिम जिनचैत्यालयों की पूजा है।
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” पुस्तक पढने के लिए
” [[इन्द्रध्वज_विधान_पढ़ें”यहाँ क्लिक करें]]
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