जन्मभूमि – चन्द्रपुरी (जिला-बनारस) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराजा महासेन
माता – महारानी लक्ष्मणा
वर्ण – क्षत्रिय
वंश – इक्ष्वाकु
देहवर्ण – कुंदपुष्प सम श्वेत
चिन्ह – चन्द्रमा
आयु – दस लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – छह सौ हाथ
गर्भ – चैत्र कृ. ५
जन्म – पौष कृ. ११
तप – पौष कृ. ११
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं
वृक्ष – सर्वर्तुकवन एवं नागवृक्ष प्रथम
आहार – नलिन नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान – फाल्गुन कृ.७ मोक्ष – फाल्गुन कृ.७
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत समवसरण में
गणधर – श्री श्रीदत्त आदि ९३ ”समवसरण में
मुनि – ढाई लाख समवसरण में
गणिनी – आर्यिका वरुणा समवसरण में
आर्यिका – तीन लाख अस्सी हजार समवसरण में
श्रावक – तीन लाख समवसरण में
श्राविका – पांच लाख जिनशासन
यक्ष – विजयदेव जिनशासन
यक्षी – ज्वालामालिनी देवी भगवान चन्द्रप्रभु वर्तमान वीर नि.सं. २५४२ से ३९५०२ वर्ष कम सौ करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।