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तेरहद्वीप विधान!

February 16, 2017ग्रन्थ भण्डारjambudweep
[[श्रेणी:हिन्दी_साहित्य]] {” align=”center” class=”wikitable” width=”100%” “- “align=”center” colspan=”2″ bgcolor=”#CCDDEE”” [[Image:Terahdweep Vidhan.jpg” /> तेरहद्वीप विधान कवर पेज]] “- ! colspan=”2″ bgcolor=”#6699FF” style=”font-size: larger;” ” तेरहद्वीप विधान के विषय में “- style=”vertical-align: top;” bgcolor=”#CCDDEE” “- style=”vertical-align: top;” bgcolor=”#CCDDEE” ” प्रकाशक ” दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर “- style=”vertical-align: top;” bgcolor=”#CCDDEE” ” लेखक ” गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी “- style=”vertical-align: top;” bgcolor=”#CCDDEE” ” पुस्तक के विषय में ” मध्यलोक में तेरहद्वीपों तक अकृत्रिम चैत्यालयों की रचना मानी गई है। यह रचना पूज्य माताजी की प्रेरणा से जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में एक विशाल जिनालय में निर्मित है। उन्हीं तेरहद्वीपों के जिनबिम्बों की पूजा-भक्ति करने हेतु पूज्य माताजी ने सन् २००७ में इस विधान की रचना की है। “- style=”vertical-align: top;” bgcolor=”#CCDDEE” ” पुस्तक पढने के लिए ” [[तेरहद्वीप_विधान_पढ़ें”यहाँ क्लिक करें]] “}

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