[[श्रेणी:हिन्दी_साहित्य]]
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[[Image:Terahdweep Vidhan.jpg” /> तेरहद्वीप विधान कवर पेज]]
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! colspan=”2″ bgcolor=”#6699FF” style=”font-size: larger;” ” तेरहद्वीप विधान के विषय में
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” प्रकाशक
” दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर
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” लेखक
” गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी
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” पुस्तक के विषय में
” मध्यलोक में तेरहद्वीपों तक अकृत्रिम चैत्यालयों की रचना मानी गई है। यह रचना पूज्य माताजी की प्रेरणा से जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में एक विशाल जिनालय में निर्मित है। उन्हीं तेरहद्वीपों के जिनबिम्बों की पूजा-भक्ति करने हेतु पूज्य माताजी ने सन् २००७ में इस विधान की रचना की है।
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” पुस्तक पढने के लिए
” [[तेरहद्वीप_विधान_पढ़ें”यहाँ क्लिक करें]]
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