जैनधर्म के २३ वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ हैं ।
इनका जन्म बनारस में पौष कृष्णा एकादशी को हुआ था ।
इनके पिता नाम महाराजा अश्वसेन एवं माता का नाम महारानी वामा देवी था ।
भगवान पार्श्वनाथ ने विवाह नहीं कियाथा ।
उन्होंने ३० वर्ष की आयु में जैनेश्वरी दीक्षा धारण करली थी ।
उन्हें अहिच्छत्र में केवलज्ञान प्राप्त हुआ था एवं सम्मेदशिखर के स्वर्णभद्र नामक टोंक से मोक्ष प्राप्त हुआ था ।