जिनशासन के प्यारे भक्तों ! जैन इनसाइक्लोपीडिया में आपका स्वागत है | आपको बताते हुए प्रसन्नता है कि अब दशलक्षण पर्व नजदीक आ गया है , आप सभी अपने -अपने नगरों में मंदिरों को सजाने और धर्म प्रभावना की तैयारी में लग गए होंगे | जिन नगरों में साधु संघ हैं उनके लिए तो सोने में सुगंध वाली बात सार्थक है ही ,किंतु पूरा जैन समाज इस पर्व की साल भर इंतजार करता है | अतः अब आपकी इंतजार की घड़ियां समाप्त हो रही है और पर्व अपनी पवित्रता की सुगंध बिखेरने आ रहा है , तो हो जाइए तैयार और खूब भक्ति के साथ पूजा -भक्ति करके पुण्य का अर्जन कीजिए | उसके लिए इसी इनसाइक्लोपीडिया में मिलेगा आपको सारा मैटर , चाहे प्रवचन हो या भजन , नाटक हों या प्रश्नोत्तरी , वीडियो प्रवचन हों या ऑडियो प्रवचन अथवा पूजन हों या आरती सब कुछ इसके अंदर उपलब्ध है |पूरा लाभ लें और पर्व को आनंद के साथ मनाएं यही आपके लिए मंगल आशीर्वाद है |_आर्यिका चन्दनामती