जैन धर्म का कर्म सिद्धान्त
जैन धर्म का कर्म सिद्धान्त सुदर्शन — गुरूजी ! कर्म किसे कहते हैं ? गुरूजी —जिसके द्वारा जीव परतंत्र किया जाता है वह कर्म है । इस कर्म के निमित्त से ही यह जीव इस संसार में अनेकों शारीरिक, मानसिक और आगंतुक दु:ख को भोग रहा है । सुदर्शन —इस कर्म का सम्बन्ध जीव के…