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१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा के आसन पर उत्कीर्ण प्रशस्ति आलेख : एक ऐतिहासिक दस्तावेज

June 7, 2022Surbhi Jain

१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा के आसन पर उत्कीर्ण प्रशस्ति आलेख : एक ऐतिहासिक दस्तावेज आसन के मध्य भाग में लिखित प्रशस्ति             ॐ नम: सिद्धेभ्य:-अथाद्यानामाद्ये जम्बूद्वीपे भरतक्षेत्रे आर्यखण्डे भारतदेश महाराष्ट्रप्रदेशे मांगीतुंगीसिद्धक्षेत्रे नवनवतिकोटीनां मुनीनां निर्वाणक्षेत्रे ऋषभगिरिमस्तके विराजमान १०८ फुट उत्तुंगऋषभ-देवमहापंचकल्याणक-प्रतिष्ठायां वीरनिर्वाणसंवत्-पञ्चविंशतिशत- द्विचत्वारिंशत्तमे (२५४२) विक्रमाब्दे द्विसहस्रद्वासप्ततितमे (वि. सं. २०७२) मासोत्तममासे माघमासे…

मूर्ति निर्माण कार्य की ऐतिहासिक तिथियाँ : एक दृष्टि में

June 7, 2022Surbhi Jain

मूर्ति निर्माण कार्य की ऐतिहासिक तिथियाँ : एक दृष्टि में १. प्रेरणा – आश्विन शु. १५ (शरदपूर्णिमा), वी. नि. सं. २५२२, विक्रम सं. २०५३, २६ अक्टूबर १९९६, शनिवार द्वारा-पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी २. शिलापूजन – फाल्गुन वदी ५, वी. नि. सं. २५२८, विक्रम सं. २०५८, ३ मार्च २००२, रविवार नोट-ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन…

१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा की माप : एक दृष्टि में

June 7, 2022Surbhi Jain

“जय हो भगवान ऋषभदेव,जय हो गणिनी ज्ञानमती मात” वसुनंदि प्रतिष्ठापाठ आदि प्राचीन ग्रंथों में निहित प्रतिमा निर्माण हेतु नवताल के सिद्धान्त अनुसार निर्मित १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा की माप : एक दृष्टि में प्रतिमा के विभिन्न अंग माप भगवान का मुख        १२ फुट गर्दन               …

मूर्ति निर्माण का चित्रमयी इतिहास : एक दृष्टि में (सन् १९९६ से २०१६)

June 7, 2022Surbhi Jain

मूर्ति निर्माण का चित्रमयी इतिहास : एक दृष्टि में (सन् १९९६ से २०१६) गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा मूर्ति निर्माण की प्रेरणा शरदपूर्णिमा, २६ अक्टूबर १९९६, मांगीतुंगी प्रवास   शिलापूजन ३ मार्च २००२ -द्वारा- संघपति श्री महावीर प्रसाद जैन- सौ. कुसुमलता जैन परिवार, बंगाली स्वीट्स, दिल्ली। विशेष उपस्थित-श्री कमलचंद जैन खारीबावली, दिल्ली शिला निकालने…

मूर्ति निर्माण के प्रमुख स्तंभों का सादर अभिवादन

June 7, 2022Surbhi Jain

मूर्ति निर्माण के प्रमुख स्तंभों का सादर अभिवादन पूज्य स्वामीजी के साथ १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा निर्माण में सम्पूर्ण मूर्ति निर्माण कमेटी ने अपने-अपने स्तर से महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया, लेकिन प्रमुख रूप से जिन्होंने अपना तन-मन-धन और समय का एक लम्बा अरसा व्यतीत किया, ऐसे दो महान व्यक्तित्व, डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल-पैठण (महामंत्री) एवं…

तीन विश्वविभूतियों को चरणवंदन

June 7, 2022Surbhi Jain

अपने दृढ़ संकल्प और कर्मठता से सृष्टि पर नया चमत्कार पैदा करने वाली तीन विश्वविभूतियों को चरणवंदन -डॉ. जीवन प्रकाश जैन, जम्बूद्वीप ‘‘जब व्यक्ति के जीवन में किसी पराक्रम, साहस और पौरुष की बात आती है, तब आसमान से सितारे तोड़ लाने और छप्पर फाड़कर अपने हर उद्देश्य में सफल हो जाने की कल्पना करता…

ऋषभगिरि के ऋषभदेव की कथा (काव्य कथानक)

June 1, 2022Surbhi JainMangitungi

ऋषभगिरि के ऋषभदेव की कथा (काव्य कथानक) -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकारत्न चन्दनामती जय ऋषभदेव बोलो जय जय आदिनाथ-२ कैसे प्रभु प्रगटे पर्वत पर, सबसे ऊँची प्रतिमा बनकर। चमत्कार हुआ भारत भू पर, मानो इसे डिवाइन पावर।। जय हो ऋषभगिरि के अधिनाथ, बोलो जय ऋषभदेव बोलो जय जय आदिनाथ।।१।। दिव्यशक्ति इक गणिनी माता, जिनका नाम ज्ञानमती माता। इनकी…

ज्ञानमती माता जी की मंगल यात्रा

June 1, 2022Surbhi JainMangitungi

अयोध्या के ऋषभदेव से  मांगीतुंगी ऋषभगिरि के भगवान ऋषभदेव तक मंगल यात्रा -गणिनी ज्ञानमती   अयोध्या में विराजमान भगवान ऋषभदेव के दर्शन मुझे ध्यान में हुए। कार्तिक कृ. त्रयोदशी-धनतेरस (२२ अक्टूबर १९९२) के दिन प्रात: ब्राह्ममुहूर्त में ध्यान करते हुए सहसा भगवान दिख गये। ध्यान समाप्त करके मेरे मन में भावना जाग्रत हुई कि ‘‘अयोध्या…

A Brief Introduction of World Tourism Place Rishabhgiri of Mangitungi Siddhakshetra

June 1, 2022Surbhi JainMangitungi

A Brief Introduction of World Tourism Place Rishabhgiri of Mangitungi Siddhakshetra “Known for the Highest Jain Idol In World ; 108 Ft. Bhagwan Rishabhdev”   It has been described in Jain Granthas like Padmapuran etc. that in the Teerthkal of the 20th Teerthankar Bhagwan Munisuvratnath, 99 crore Mahamunis attained Moksha from Mangitungiji Siddhakshetra about 12…

मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र का परिचय

June 1, 2022Surbhi JainMangitungi

९९ करोड़ महामुनियों की निर्वाणभूमि एवं वर्तमान में १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा से प्रसिद्ध मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र का परिचय महाराष्ट्र प्रान्त के नासिक जिले में स्थित मांगीतुंगी (भिलवाड) ग्राम के उत्तर दिशा की ओर एक पर्वतराज है, जिसकी दो चूलिकाएँ हैं। प्रथम श्री मांगीगिरि व द्वितीय श्री तुंगीगिरि के नाम से प्रसिद्ध है, जो देखने…

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