पनस!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पनस:Indian bread-fruit tree or Jack-tree.कटहल ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य त्याग – Bahya Tyaga. To renounce all attachments (external materi- als). समस्त बाह्य परिग्रहो (धन धान्यादी ) का त्याग करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाणनिर्माण- नामकर्म की प्रकृति; जिसके उदय से शरीर के अंगों की रचना यथास्थान तथा यथाप्रमाण हो। PramanaNirmana- A type of physique making Karma causing properly proportionate body
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == साधक : == बाह्यमूघ्र्वमादाय, नावमाकांक्षेत् कदाचित् अपि। पूर्वकर्मक्षयार्थाय, इमं देहं समुद्धरेत्।। —समणसुत्त : ५६८ ऊध्र्व अर्थात् मुक्ति का लक्ष्य रखने वाला साधक कभी भी बाह्य विषयों की आकांक्षा न रखे। पूर्वकर्मों का क्षय करने के लिए ही इस शरीर को धारण करे। चरेत्पदानि परिशंकमान:, यत्कििंचत्पाशमिह मन्यमान:। लाभान्तरे जीवितं…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रायुध – Sahasraayudha. The son of Chakravarti (emperor) Vajrayudh. चक्रवर्ती वज्रायुध का पुत्र । मुनि पिहितास्रव से दीक्षा लेकर सन्यासमरण कर अधोग्रैवेयक में अहमिन्द्र हुआ ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यकुमुदचन्द्रिका – Bhavyakumudachandrika. Name of a treatise written by Pandit Ashadhar. पं. आशाधर (ई. ११७३- १२४३) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभाचंद्र- इस नाम के अनेकों आचार्य हुए है। Prabhacandra- Name of many acharyas
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्ममालिनी: Name of a chief female divinity of peripatetic Indras. व्यंतर इन्द्र की प्रधान देवी का नाम ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशपाल–Yashpaal. Name of an Acharya. मूलसंघ के एक आचार्य, अपरनाम जयपाल”