05.इन्द्रिय मार्गणा!
इन्द्रिय मार्गणा प्रश्न:1-इन्द्रिय किसे कहते हैं? उत्तर-जैसे-नवग्रैवेयक आदि में उत्पन्न हुए अहमिन्द्र देव स्वामी-सेवक आदि के भेद से रहित मैं ही इन्द्र हूँ । ‘ इस प्रकार मानते हुए एक-एक होकर आज्ञा आदि की पराधीनता से रहित होते हुए अपने को स्वामी मानते हैं, उसी प्रकार स्पर्शन आदि इन्द्रियाँ भी अपने-अपने स्पर्श आदि विषयों में…