अनेकांत—स्याद्वाद और सप्तभंगी का पारस्परिक संबंध
अनेकांत—स्याद्वाद और सप्तभंगी का पारस्परिक संबंध जगत का प्रत्येक पदार्थ अनेकान्तात्मक अर्थात् अनेक धर्मात्मक है, एक साथ परस्पर विलक्षण अनेक अर्थक्रिया करने से देवदत्त के समान। जिस समय देवदत्त को मामा कहा जाता है उस ही समय उसे पिता, चाचा, बाबा, नाना और भाई भी कहा जाता है ! ये सब बातें एक-दूसरे से भिन्न…