मार्गणा अधिकार-गति मार्गणा
मार्गणा अधिकार-गति मार्गणा मार्गणा का लक्षण जाहि व जासु व जीवा, मग्गिज्जंते जहा तहा दिट्ठा। ताओ चोदस जाणे, सुयणाणे मग्गणा होंति।।४४।। यभिर्वा यासु वा जीवा मृग्यन्ते यथा तथा दृष्टा:। ताश्चतुर्दश जानीहि श्रुतज्ञाने मार्गणा भवन्ति।।४४।। अर्थ—प्रवचन में जिस प्रकार से देखे हों उसी प्रकार से जीवादि पदार्थों का जिन भावों के द्वारा अथवा जिन पर्यायों में…