नयों का समन्वयवादी दृष्टिकोण
नयों का समन्वयवादी दृष्टिकोण जैनदर्शन का अनेकांतवाद जैनदर्शन के अनुसार जगत् की प्रत्येक वस्तु अनेक धर्मात्मक है। वस्तु के अनेक धर्मों में ऐसे धर्म हैं जो परस्पर विरोधी प्रतीत होते हैं। जैसे—सत्त्व—असत्त्व, एकत्व—अनेकत्व, नित्यत्व—अनित्यत्व आदि। इन परस्पर विरोधी प्रतीत होने वाले धर्मों को लेकर ही नाना दार्शनिक पंथ खड़े हुए हैं। कोई वस्तु को सत्…