कर्म सिद्धान्त और सम्यग्दर्शन
कर्म सिद्धान्त और सम्यग्दर्शन सम्यग्दर्शन की प्रधानता- जैनदर्शन सम्यग्दर्शन ज्ञान और चारित्र इन तीनों की युति रूप जीवन को मोक्षमार्ग मानता है और इन तीनों में सम्यग्दर्शन को प्रथमत: स्वीकार किया गया है तथा सम्यग्दर्शन का महत्त्व इस प्रकार कहा गया है- नगर में जिस प्रकार द्वार प्रधान है, मुख में जिस प्रकार चक्षु प्रधान…