गृहस्थों के षट् आवश्यक कर्म
गृहस्थों के षट् आवश्यक कर्म ‘आवश्यक’ शब्द का सामान्य अर्थ है जिसका अवश्य पालन होना चाहिये; जरूरी या सापेक्ष। निरुक्तिपरक अर्थ है—वश्य उसे कहते हैं जो किसी के अधीन होता है और जो ऐसा नहीं होता उसे अवश्य कहते हैं और उसके कर्म को आवश्यक कहते हैं। अवश्य करने योग्य जो कोई भी कार्य हो…