तत्त्वार्थ सूत्र प्रवचन
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 तत्त्वार्थ सूत्र प्रवचन ( प्रथम अध्याय ) प्रवचन कर्त्री -आर्यिका चंदनामती माताजी मंगलाचरण सिद्धेर्धाममहारिमोहहननं कीर्ते: परं मंदिरम्। मिथ्यात्वप्रतिपक्षमक्षयसुखं संशीतिविध्वंसनम्।। सर्वप्राणिहितं प्रभेन्दुभवनं सिद्धिप्रमालक्षणम्। संतश्चेतसि चिन्तयंतु सुधिय: श्रीवर्धमानं जिनम्।। भगवान् महावीर द्वारा प्रतिपादित सम्पूर्ण द्वादशांग के सार को अपने में समाहित किए हुए ग्रन्थराज तत्त्वार्थसूत्र अनेकान्त वाणी...