व्रतोपनयन आदि कार्यों के लिए तिथिमान
व्रतोपनयन आदि कार्यों के लिए तिथिमान ( व्रत तिथि निर्णय पुस्तक से ) प्रस्तावना ऊँ नम: सिद्धेभ्य: श्रीमन्तं वर्धमानेशं भारतीं गौतमं गुरुम्। नत्वा वक्ष्ये तिथीनां वै निर्णयं व्रतनिर्णयम्।।१।। अर्थ —श्रीमन्त—अनन्तचतुष्टयरूप अन्तरंगश्री और समवसरण आदि विभूति रूप बहिरंग श्री से युक्त भगवान् महावीरस्वामी को, जिनवाणी को—सरस्वती रूप दिव्यध्वनि को एवं गुरु गौतम गणधर को नमस्कार कर...