णमोकार मंत्र स्तुति!

णमोकार मंत्र स्तुति सोरठा   नमूँ नमूँ नत शीश मैं, पंचपरमगुरुदेव।महामंत्र वंदन करूँ, करो अमंगल छेव।।१।।   चाल-हे दीनबंधु…..   जैवंत महामंत्र मूर्तिमंत धरा में।जैवंत परमब्रह्म शब्दब्रह्म धरा में।।जैवंत सर्वमंगलों में मंगलीक हो।जैवंत सर्वलोक में तुम सर्वश्रेष्ठ हो।।२।।त्रैलोक्य में हो एक तुम्हीं शरण हमारे।माँ शारदा भी नित्य ही तुम कीर्ति उचारे।।विघ्नों का नाश होता है … Continue reading णमोकार मंत्र स्तुति!