(श्री ज्ञानमती माताजी के प्रवचन)
भव्यात्माओं! संसार में तीर्थंकर भगवान किसलिए सबसे महान माने गए हैं यह प्रश्न सहज ही मन में उठता है? ‘‘धर्म तीर्थं करोति इति तीर्थंकरः’’ जो धर्मतीर्थ का प्रवर्तन करते हैं, वह तीर्थंकर कहलाते हैं। धर्म की व्याख्या बहुत प्रसिद्ध है-
‘‘उत्तमे सुखे धरति इति धर्मः’’ अर्थात् जो उत्तम सुख में पहुंचाए वह धर्म है। ऐसे तीर्थंकर भगवान महान इसलिए हैं कि उनके जन्म लेते ही दिव्य अतिशय प्रकट हो जाते हैं, सारे विश्व में क्षेम हो जाता है। उत्तरपुराण में वर्णन आया है कि-