अयोध्या विकास की प्रेरणास्रोत-गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी
मार्गदर्शन-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकारत्न श्री चन्दनामती माताजी
कुशल नेतृत्व एवं अध्यक्ष-पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी
प्रत्येक दिगम्बर जैन महिला-पुरुष, बालक-बालिकाएँ, सभी को यथाशक्ति लगाना है
१०८ शिलाएँ या ५४ शिलाएँ या २७ शिलाएँ या ९ शिलाएँ या शक्ति अनुसार ५, ३, २, १ रत्नशिलाएँ
१०८ रत्न शिला की दान राशि प्रदान करने वाले परिवार का नाम हजारों वर्ष
के लिए अयोध्या तीर्थ पर पाषाण के शिलालेख पर अंकित किया जायेगा।
अन्य योजना-५०० शिला-एक अटैच फ्लैट, ११०० शिला-सुपर डीलक्स फ्लैट, २१०० शिला-एक बंगला
वर्ष २०२१ में पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा उद्घोषित ‘शाश्वत जन्मभूमि अयोध्या विकास वर्ष’ के अन्तर्गत अब
तीर्थ का मुख्य सिंहद्वार
जैन फूड भोजनालय
जैन सांस्कृतिक म्यूजियम
संत निवास कमरे
गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती दीर्घा
आधुनिक ऑडीटोरियम हॉल
प्रशासनिक कार्यालय
अति सुन्दर स्वागत कक्ष
जीवदया पशु चिकित्सालय