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अरे बाबा, तेरी जनमभूमी की महिमा सुनी है बहुत भारी
June 16, 2020
भजन
jambudweep
अरे बाबा, तेरी जनमभूमी की महिमा सुनी है बहुत भारी
तर्ज—सावन गीत……
अरे बाबा, तेरी जनमभूमी की महिमा सुनी है बहुत भारी।। टेक.।।
सतयुग में तेरी, कहानी बनी थी।
कृतयुग में पहली, निशानी बनी थी।।
अरे बाबा, तूने बताई जग को जीवन कला की विधि सारी।। अरे……।।१।।
देखा न तेरा, जनम प्रभु हमने।
देखी न तेरी, छवी प्रभु हमने।।
अरे बाबा, देखी अयोध्याजी में प्रतिमा तुम्हारी बहुत प्यारी।। अरे……।।२।।
तुम पर बहती है जब क्षीर धारा।
कर्पूर केसर, मिली नीर धारा।।
अरे बाबा, फूलों की वृष्टी द्वारा निखरती है तेरी छवि न्यारी।। अरे……।।३।।
ज्ञानमती माता की, प्रेरणा मिली जब।
मस्तकाभिषेक की, योजना बनी तब।।
अरे बाबा, सारी प्रजा ने पाई तेरे महोत्सव की उजियारी।। अरे……।।४।।
कैलाश गिरि से, शिवपद को पाया।
जग को भी मुक्ती, का पथ है बताया।।
अरे बाबा, पाऊँ ‘चंदनामती’ मैं, तुम सम सिद्धशिला प्यारी।। अरे……।।५।।
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