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मांगीतुंगी यात्रा के संघपति परिवार

June 22, 2022ऋषभगिरि मांगीतुंगीSurbhi Jain

इतिहास के पन्नों में अक्षरांकित हुआ संघपति परिवार

यह बात निश्चित है कि अखण्ड पाषाण में निर्मित विश्व की सबसे ऊँची १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा अब इतिहास के लिए अजर-अमर बन चुकी है। इस सृष्टि पर हजारों-लाखों वर्षों तक इस प्रतिमा निर्माण का इतिहास टिम-टिम करता स्वर्णमयी पन्नों पर सदैव चमकता-दमकता रहेगा। यह एक ऐसा महाइतिहास बन गया है जिसमें अन्तर्भूत अनेकानेक स्वर्णाक्षर अपनी दिव्य आभा से इतिहास की विभिन्न गौरवमयी गाथाओं को जन-जन के बीच में उद्घोषित करते रहेंगे।

विशेषरूप से जहाँ हमें इस प्रतिमा निर्माण की प्रेरणा सर्वोच्च जैन साध्वी परमपूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी से प्राप्त हुई, वहीं इस प्रतिमा के अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की ‘‘आन-बान-शान और प्राण’’ के रूप में हमें पूज्य माताजी का मंगल सान्निध्य भी प्राप्त हुआ, जिसकी वजह से यह महोत्सव देश-विदेश की जैन-जैनेतर समाज और भारत देश के सम्पूर्ण शासन-प्रशासन में गौरव स्थान को प्राप्त हुआ। यही कारण रहा कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (लंदन) के आला अधिकारियों ने भी ऋषभगिरि, मांगीतुंगी पर स्वयं पधारकर पूज्य माताजी के करकमलों में १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा को ‘‘दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा’ का प्रमाणपत्र प्रदान किया।

अब आप ही सोचिए कि जब पूज्य माताजी के सान्निध्य ने इस महोत्सव की कीर्ति को दिग्दिगंतव्यापी बना दिया, तो इस निमित्त से परमपूज्य माताजी के द्वारा ‘‘हस्तिनापुर से मांगीतुंगी मंगल विहार’’ का बीड़ा उठाने वाली वे भव्य आत्माएं कितनी महानपुण्यशाली हैं, जिनका वर्णन इन शब्दों की सीमाओं में बांधा नहीं जा सकता है। शायद इस पुण्य की कल्पना वे स्वयं भी न कर सकें, जिन्होंने पूज्य माताजी के मंगल विहार का ‘‘संघपति’ बनकर अनंत पुण्य संचित किया है।
जी हाँ! वे भव्य पुरुष एवं परिवारजन श्री प्रमोद कुमार जम्मनलाल कासलीवाल एडवोकेट-औरंगाबाद (महा.), उनकी ध.प. सौ. सुनीता कासलीवाल तथा बेटियाँ कु. नमिता व अंकिता कासलीवाल हैं, जिन्होंने पगड़ी पहनकर १७ मार्च २०१५ को हस्तिनापुर में पूज्य माताजी के मंगल विहार का ध्वज अपने हाथों में थामा और ३० जुलाई २०१५ को पूज्य माताजी के चातुर्मास दिवस पर सिद्धक्षेत्र मांगीतुंगी (नासिक) महा. में संघ का मंगल प्रवेश कराया। विहार के मध्य सम्पूर्ण परिवार ने गांव-गांव और शहर-शहर में अपनी प्रपुâल्लित एवं उज्ज्वल भावनाओं के साथ सम्पूर्ण संघ की यथायोग्य सेवा की और समाज के मध्य गुरुभक्ति का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।
अत: हम इस संघपति परिवार का १०८ फुट भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति की ओर से हार्दिक अभिवादन करते हुए उनके स्वस्थ, दीर्घ एवं उज्ज्वल भविष्य की कामनाएं करते हैं। आपकी अखण्ड गुरुभक्ति सदैव ही धर्म संस्कारों के साथ आपके परिवार को मोक्ष की ओर अग्रसर करे, यही मंगल भावना है।

 

Tags: Mangitungi festival 2016
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