Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

क्या है अठारह ?!

March 8, 2018जनरल नॉलेजHarsh Jain

क्या है अठारह ?


१. अठारह दोष जो अरिहंत में नहीं होते—

(१) क्षुधा, (२) तृषा, (३) बुढ़ापा, (४) रोग, (५) जन्म, (६) मरण (७) भय, (८) गर्व, (९) राग, (१०) द्वेष (११) मोह, (१२) चिंता, (१३) मद, (१४) अरति (१५) खेद, (१६) स्वेद (१७) निद्रा, (१८) आश्चर्य

२. पाप कर्म के अठारह प्रकार—

(१) प्राणातिपात, (२) मृषावाद, (३) अदत्तादान, (४) मैथुन, (५) परिग्रह, (६) क्रोध, (७) मान, (८) माया, (९) लोभ, (१०) राग, (११) द्वेष , (१२) कलहाभ्याख्यान(पैशुन्य), (१४) परपरिवादरति, (१५) अरति, (१६) माया शल्य, (१७) मिथ्या शल्य, (१८) निदान शल्य

३. बुद्धि ऋद्धि के अठारह भेद—

(१) अवधिज्ञान, (२) मन:पर्ययज्ञान, (३) केवलज्ञान, (४) बीजबुद्धि, (५) कोष्ठ बुद्धि, (६) पदानुसारिणी बुद्धि, (७) संभिन्न श्रोतत्व, (८) दूरास्वादन समर्थता, (९) दूरस्पर्शन समर्थता, (१०) दूर घ्राण समर्थता, (११) दूरश्रवण समर्थता, (१२) दूरदर्शन समर्थता, (१३) दशपूर्वित्व, (१४) चौदह पूर्वित्व, (१५) निमित्त ऋद्धि, (१६) प्रज्ञाश्रमणत्व, (१७) वादित्व, (१८) प्रत्येक बुद्धित्व

४. अठारह प्रकार के असंपराय—

(१) क्षमा, (२) मार्दव, (३) आर्जव, (४) सत्य, (५) शौच, (६) संयम (७) तप, (८) त्याग, (९) आकिंचन, (१०) ब्रह्मचर्य, (११) ईर्या, (१२) भाषा, (१३) एषणा, (१४) आदान निक्षेपण, (१५) प्रतिष्ठापन, (१६) मनोगुप्ति, (१७) वचन गुप्ति, (१८) काय गुप्ति

Tags: Maths
Previous post क्या आप जानते हैं ?,! Next post बारिश में घर से बाहर ऐसे निकले!

Related Articles

जानिए १३ अंक के बारे में

May 24, 2015jambudweep

तीन की महिमा

July 24, 2014jambudweep

इन्हें भी जाने ?

February 21, 2017jambudweep
Privacy Policy