Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

गलती न करें दांतों की देखभाल में

February 12, 2017जनरल नॉलेजjambudweep

गलती न करें दांतों की देखभाल में


/> left “60px”]] /> right “60px”]]

अक्सर हम दांतों की सुरक्षा को विशेष महत्व नहीं देते। जब कभी थोड़ी तकलीफ होती है तो घरेलू इलाज अपनाकर काम चला लेते हैं जबकि हमारे फिट शरीर की कुंजी हैं फिट दांत। जो भी हम खाते हैं, इन्हीं दांतों की सहायता से उसे चबा कर अंदर डालते हैं। अगर दांत तंदुरूस्त नहीं होंगे तो हम खाना ठीक से चबा नहीं पाएंगे और जो खाना हम निगलेंगे, शायद हमारा पेट उसे स्वीकार ही न कर पाए और हमें सामना करना पड़े अन्य बीमारियों का। अक्सर हम कुछ गलतियां ऐसी करते हैं जिनसे दांतों को नुकसान पहुंचता है। 

नियमित जांच से परहेज

दांतों की सुरक्षा हेतु दांतों का नियमित चेकअप करवाना बहुत जरूरी है। हमें अपने दांतों के अधिक बीमार होने का इंतजार नहीं करना चाहिए।वर्ष में एक बार चेकअप करवा लेना चाहिए। कई बार हमारी लापरवाही के कारण दांतों में सड़न बढ़ जाती है और हमारे मसूढ़े नाजुक हो जाते हैं। अक्सर दांतों में दर्द रहता है, ठंडा गर्म महसूस होता है और हम सहते रहते हैं। ऐसी गलती न करें । अपने दांतों का नियमित चेकअप करवाने से परहेज न करें। 

दांतों की परेशानी को भूल जाना

 अक्सर हमारी आदत है कि जब तकलीफ होती है तो हम परेशान हो जाते हैं और थोड़ा ठीक होते ही लापरवाह हो जाते हैं। कभी कभी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। बीमार दांतों के ठीक हो जाने के उपरांत भी रेगुलर चेकअप करवाते रहें। चाहे दांतों का कुछ भी इलाज कराएं जैसे रूट कैनाल, दांत निकलवाना, फिलिंग, मसूड़ों की सर्जरी आदि स्थिति में नार्मल होने में समय लगता है। जब भी डाक्टर जांच के लिए बुलाए तो अवश्य जाएं। 

खुद डाक्टर बनना

 कोई भी दवा बिना डाक्टर की सलाह के लेना नुकसानदायक हो सकता है। जब कभी दांत में कोई भी तकलीफ हो, बिना डाक्टर से जांच करवाए अपनी मर्जी से दवा न लें। अपने डाक्टर खुद न बनें। घरेलू नुस्खों पर निर्भर न हों । कभी—कभी लाभ के स्थान पर नुकसान भी हो सकता है। पहले इलाज के बारे में न बताना— दांतों की तकलीफ होने से पूर्व अगर आपको कोई और तकलीफ है और इलाज चल रहा है तो दांतों के डाक्टर को अवश्य इसकी जानकारी दें। अगर किसी दवा से एलर्जी हो तो उसकी जानकारी भी डाक्टर को अवश्य दें । दांतों को भी अपने शरीर का मुख्य अंग माने और इनका इलाज वैसे ही करवाएं जैसे किसी अन्य बीमारी का। अगर आप डाक्टर से कुछ भी छिपाएंगे तो नुकसान आपका ही होगा। 

दांतों की सफाई में कोताही

 अक्सर लोग समझते हैं कि प्रात: एक बार दांतों पर ब्रश करना ही उपयुक्त है। फिर दिन भर जो भी खाएं तो दांत साफ करने की आवश्यकता नहीं। दिन में कम से कम दो बार ब्रश अवश्य करें। कुछ भी खाने के बाद अच्छे से कुल्ला अवश्य करें ताकि कोई भी खाद्य पदार्थ उनमें रह गया हो या दांतों से चिपक गया हो तो वह साफ हो जाए। लोग अक्सर फर्राटे से दांतों की सफाई कर अपना काम निपटा लेते हैं। यह आदत भी गलत है। दांतों की सफाई आराम से अंदर बाहर ऊपर नीचे करें। ब्रश मुलायम ही प्रयोग करें। सख्त ब्रश आपके दांतों के इनेमल को खराब कर देगा और मसूड़ों को कमजोर कर देगा। २ माह में एक बार ब्रश अवश्य बदलें।

Previous post झुलसे न नाजुक बचपन Next post कतिपय लोक व्यवहारी, आवश्यक एवं महत्वपूर्ण शिक्षाएँ-प्रेरणाएँ
Privacy Policy