(१) पूज्यश्री का नाम – श्रमणमुनि चिन्मयानंद जी महाराज
(२) गृहस्थावस्था नाम- श्री मोतीलाल (हाड़ा)
(३) जन्मस्थान – २१ नवम्बर, १९३५ मंगसर मार्गशीर्ष कृ. अमावस संवत १९९२
(४) जन्मतिथि व दिनाँक – फाल्गुन सुदी २ २३ फरवरी १९४३
(५) जाति – दि. जैन खण्डेलवाल
(६) गोत्र – लुहाड़िया (हाड़ा)
(७) (A) माता का नाम श्रीमति माँगीबाई जी जैन
(B) पिता का नाम श्री घासीलाल जैन
(८) लौकिक शिक्षा – बी. एस सी.
(९) आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – प्राथमिक नियम—यम आ. देशभूषण जी महाराज द्वितीय प्रतिमा एवं मार्गदर्शन, क्षुल्लिका विशालमती माताजी (वीरमतीजी) वर्तमान में गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी, सन् १९९१ में सप्तम प्रतिमा पद्मपुरा क्षेत्र जयुपर में द्वारा – आचार्य श्री कुंथुसागर जी महाराज
(१०) मुनि दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – मंगसर सुदी ५ संवत २०६२, २१ नवम्बर, २००५ उदयपुर (राज.) मुनि दीक्षा गुरु – परम पूज्य वैज्ञानिक धर्माचार्य १०८ श्री कनकनंदी जी महाराज
(११)शिष्यों की संख्या –
आचार्य की संख्या-
उपाध्याय की संख्या-
मुनि की संख्या-
गणिनी की संख्या-
आर्यिका की संख्या-
ऐलक की संख्या-
क्षुल्लक की संख्या-.
क्षुल्लिका की संख्या-
ब्रह्मचारी भाई की संख्या-
ब्रह्मचारिणी बहनें की संख्या-
अन्य संख्या-
(१२)अन्य विशेष जानकारी – १० वर्षीय आयु में धार्मिक संस्कार प. पू. मुनि जम्बूसागर जी महाराज १८ वर्षीय आयु में र्धािमक शिक्षा प. पू. आचार्य देशभूषण जी महाराज और मार्गदर्शन क्षुल्लिका पू. विशालमति माताजी व वीरमती/वर्तमान परम पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी, २१ वर्षीय आयु से श्रवण/सत्संग प. पू. आचार्य वीरसागर जी से
(१३)संघ का संपर्क़ सूत्र (मोबाइल, फोन, ईमेल) – ०८९५५६२२२९७, ०९६६०५७०७०४