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छिलकों से बनाएं सेहत और निखारें रंगत!

July 20, 2017प्राकृतिक चिकित्साjambudweep

छिलकों से बनाएं सेहत और निखारें रंगत


पपीते का छिलका पेडिक्योर के लिए और नींबू का छिलका दांतों के लिए फायदेमंद हो सकता है, कभी आपने सोचा है ? विशेषज्ञ कहते हैं कि इनके साथ—साथ भी अन्य कई फलों के छिलके विभिन्न स्वास्थ्य व सौंदर्य समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आईए जानते हैं कि कैसे…………

नींबू

नींबू के छिलकों का सौंदर्य प्रसाधनों व आयुर्वेदिक दवाइयों में बहुत महत्व है। चेहरे की रंगत निखारने वाले फेस पैक में इसके छिलकों से तैयार पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ताजे नींबू का छिलका यदि दांतो पर घिसा जाए, तो दांतों का पीलापन दूर होता है और उनमें कैविटी नहीं जम पाती है। साथ ही मुँह की दुर्गंध भी दूर होती है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है।

कीवी

इसके छिलके में पल्य की तुलना में तीन गुणा अधिक एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसी वजह से यह कैंसर और एलर्जी प्रतिरोधक होता है। 

पपीता

कम समय में पेडिक्योर करने के लिए पैरों की त्वचा पर पपीते का छिलका रगड़ें। वहीं इसका पल्प एडियों पर रगड़ने से दरारें जल्दी ठीक होंगी और पैर मुलायम होते हैं । इसमें भरपूर विटामिन ए और पापेन नामक तत्व होता है, जिससे असक्रिय प्रोटीन व त्वचा की मृत कोशिकाओं से मुक्ति मिलती है। पपीते का छोटा—सा टुकड़ा चेहरे पर रगड़ें और पांच मिनट बाद धो लें। ब्यूटीशियन कहते हैं कि पपीता अधिक समय तक चेहरे पर नहीं लगाएं, क्योंकि इससे त्वचा का रूखापन बढ़ भी सकता है। 

नाशपाती

इसके छिलकों में भरपूर फाइबर , विटामिंस होते हैं। वहीं इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट और फ्लोरोटिन फ्लेवोनॉइड से कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को फैलने से रोका जा सकता है, इसलिए इसका सेवन छिलके सहित करना चाहिए।
 
Tags: Ayurveda
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