Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

जिनवर अष्टक!

February 7, 2014जिनेन्द्र भक्तिjambudweep

जिनवर अष्टक


आचार्य विभवसागर
 

जिनवर जय हो! जिनवर जय हो, गौतम ने गुणगान किया।

प्रथम भक्त बन रत्नत्रय पा, गणधर बन सब ज्ञान लिया।।

भक्त—प्रवर श्री कुन्दकुन्द की, भक्ति भावनाओं का बल।

आद्य दिगम्बर, आद्य दिगम्बर, गूँज उठा गिरनार अचल।।१।।

जिनवर! पद में सुरवर नमते, ऋषिगण—मुनिगण नमन करें।

सम्यग्दर्शन देकर जिनवर, मिथ्यादर्शन शमन करें।।

वीतराग ! जिन ! हित उपदेशी, तीर्थंकर सर्वज्ञ अहा!

पदवन्दन कर संस्तुति करता, मैं बालक अनभिज्ञ रहा।।२।।

जिनमंदिर जिनमंदिर की पावन प्रतिमा, मन मन्दिर में समा गयी।

जिनमन्दिर की पवित्र ऊर्ज, मन मन्दिर में जमा हुई।।

जिनमन्दिर की शीतलता यह, मन मन्दिर शीतल करती।

जिनमंछिर की उज्ज्वलता यह, मन में उज्जवलता भरती।३।।

विशुद्ध ऊर्ज केन्द्र वीतराग मुद्रा से हर पल, वीतराग ऊर्जा बहती।

और आपके जिन मन्दिर में, एकत्रित होकर रहती।।

प्रात: संध्या अत: भक्तगण, दर्शन करने आते हैं।

भक्ति भाव से दर्शन करके, शुभ ऊर्जा ले जाते हैं।।४।।

प्रेम—क्षेम काकर वीतरागमय वह ऊर्जा ही, शुद्ध शान्त मन कर देती।

जन्म जन्म के पाप अमंगल, पल भर में वह हर लेती।।

वातावरण सुहाना होता, सदा परस्पर प्रेम रहे।

तव अचिन्त्य महिमा है ऐसी, घर—घर मंगल क्षेम रहे।।५।।

भक्ति निमित्त फुल रही फुलवारी का ज्यों, कोना—कोना महक उठे।

आम्र मंजरी पाकर के ज्यों, कोयलियाँ भी कुहुक उठें।।

उसी तरह जिनमंदिर तेरा, भक्ति भाव से महक रहा।

अत: जिनेश्वर भक्त आपका, कोयलिया सा कुहुक रहा।।६।।

मुक्ति आमंत्रण पावनता का सम्यक् अवसर, समाचरण में आता है।

जन्म—जन्म का पुण्य हमारा, जिन मन्दिर में लाता है।।

मोह बुलाता हमको घर में, मोक्ष बुलाता मन्दिर में।

मोह भुलाता भव बन्धन में, मोक्ष बुलाता अन्दर में।।७।।

सम्यक् त्व लाभ यहाँ लिया हुआ नाम आपक नाम वहाँ जक जा पहुँचा।

यहाँ किया शुभ ध्यान आपक, ध्यान वहाँ तक जा पहुँचाा।

यह अटूट विश्वास हमारा, सिद्ध शिला तक जा पहुँचा।

सिद्धालय का शुभ आमन्त्रण, हमारे आ पहुँचा।।१।।

Tags: Stuti
Previous post सर्वसंकटहर श्रीऋषभदेव स्तोत्र! Next post 07. सप्तम अध्याय!

Related Articles

लघु शान्ति स्तोत्र!

December 29, 2018jambudweep

हस्तिनापुर तीर्थ स्तुति!

May 24, 2015jambudweep

त्रैलोक्य स्तुति!

May 24, 2015jambudweep
Privacy Policy