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जीवनरक्षक आँवला!

March 6, 2014प्राकृतिक चिकित्साaadesh

जीवनरक्षक आँवला


आँवले को जीवनरक्षक कहा गया है । यह ठंड में बड़ी मात्रा में पैदा होता है। इसका स्वाद तीखा , खट्टा एवं कसैला होता है। चटनी, आचार, मुरब्बा, च्यवनप्राश, बालों के तेल आदि से लेकर विभिन्न दवाइयों में आँवले का प्रयोग किया जाता है। आँवले से जीवन शक्ति प्राप्त होती है। वैज्ञानिक परीक्षण में पाया जाता है कि इसके सेवन से रक्त संचार में कमी होने के कारण आने वाली सुस्ती तथा कमजोरी नहीं आ पाती है। यही कारण है कि इसके सेवन से असमय बुढापा नहीं आ पाता तथा अंत तक शरीर में चुस्ती और शक्ति बनी रहती है। आँवला केवल स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक फल ही नहीं यह उत्तम औषधि भी है। इसका उचित मात्रा में सेवन करने से अनेक रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। आँवले के नियमित प्रयोग से खून,पेट एवं त्वचा (स्किन) साफ रहते हैं। कब्ज, दस्त, अतिसार, पेट में जलन, भूख न लगना आदि रोग में स्थायी तौर पर लाभ होता है।

 

Tags: Ayurveda
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