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चौबीस तीर्थंकर जीवन दर्शन

June 1, 2022विशेष आलेखaadesh

चौबीस तीर्थंकर जीवन दर्शन


प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जीवन दर्शन


जन्मभूमि – अयोध्या (उत्तर प्रदेश)

पिता – महाराज नाभिराय

माता–महारानी मरुदेवी

वर्ण– क्षत्रिय

वंश–इक्ष्वाकु

देहवर्ण –  तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह –  बैल

आयु – चौरासी लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना -दो हजार हाथ

गर्भ– आषाढ़ कृ.२   

जन्म  -चैत्र कृ.९

तप– चैत्र कृ.९

दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष– प्रयाग-सिद्धार्थवन, वट वृक्ष (अक्षयवट)

प्रथम आहार– हस्तिनापुर के राजा श्रेयांस द्वारा (इक्षुरस)

केवलज्ञान–फाल्गुन कृ.११

मोक्ष– माघ कृ.१४ , कैलाश पर्वतस

समवसरण में  गणधर–श्री वृषभसेन आदि ८४

मुनि–चौरासी हजार

गणिनी आर्यिका – ब्राह्मी

आर्यिका – तीन लाख पचास हजार

श्रावक–तीन लाख

श्राविका–पांच लाख

जिनशासन यक्ष–गोमुख देव

यक्षी –चक्रेश्वरी देवी

भगवान ऋषभदेव वर्तमान वीर नि.सं.२५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, सौ लाख करोड़ सागर अर्थात् एक कोड़ाकोड़ी सागर वर्ष पहले मोक्ष गए हैं। इससे चौरासी लाख पूर्व वर्ष पहले जन्में हैं।

दूसरे तीर्थंकर भगवान अजितनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि–अयोध्या (उत्तर प्रदेश)

पिता–महाराज जितशत्रु

माता–महारानी विजया

वर्ण–क्षत्रिय

वंश–इक्ष्वाकु

देहवर्ण–तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह–हाथी

आयु–बहत्तर लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना–अट्ठारह सौ हाथ

गर्भ–ज्येष्ठ कृ. अमावस्या

जन्म–माघ शु. १०

तप–माघ शु. ९

दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष–सहेतुक वन एवं सप्तपर्ण वृक्ष

प्रथम आहार–साकेतनगरी के राजा ब्रह्म द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-पौष शु.११ मोक्ष-चैत्र शु.५

मोक्षस्थल–सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर–श्रीसिंहसेन आदि ९०

मुनि–एक लाख

गणिनी आर्यिका – प्रकुब्जा

आर्यिका–तीन लाख बीस हजार

श्रावक–तीन लाख

श्राविका–पांच लाख

जिनशासन यक्ष–महायक्ष देव

यक्षी–रोहिणी देवी

भगवान अजितनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम पचास लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

तीसरे तीर्थंकर भगवान संभवनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि–श्रावस्ती (जिला-बहराइच) उत्तर प्रदेश

पिता–महाराज दृढ़राज

माता–महारानी सुषेणा

वर्ण–क्षत्रिय

वंश–इक्ष्वाकु

देहवर्ण–तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह–घोड़ा

आयु–साठ लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना–सोलह सौ हाथ

गर्भ–फाल्गुन शु.८

जन्म– कार्तिक शु. १५

तप–मगसिर शु.१५

दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष–सहेतुक वन एवं शाल्मलि वृक्ष

प्रथम आहार–श्रावस्ती के राजा सुरेन्द्रदत्त द्वारा (खीर)

केवलज्ञान– कार्तिक कृ.४ मोक्ष-चैत्र शु.६

मोक्षस्थल–सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर–श्री चारूषेण आदि १०५

मुनि–दो लाख

गणिनी आर्यिका -धर्मार्या

आर्यिका–तीन लाख बीस हजार

श्रावक–तीन लाख

श्राविका–पांच लाख

जिनशासन यक्ष–त्रिमुखदेव

यक्षी–प्रज्ञप्तिदेवी

भगवान संभवनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, बीस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

चौथे तीर्थंकर भगवान अभिनंदननाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि–अयोध्या (उत्तर प्रदेश)

पिता–महाराज स्वयंवरराज

माता–महारानी सिद्धार्था

वर्ण–क्षत्रिय

वंश–इक्ष्वाकु

देहवर्ण–तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह–बंदर
आयु-पचास लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना-चौदह सौ हाथ

गर्भ–वैशाख शु. ६

जन्म–माघ शु. १२

तप–माघ शु. १२

दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष–सहेतुक वन एवं असन वृक्ष

प्रथम आहार–साकेत नगरी के राजा इन्द्रदत्त द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-पौष शु. १४

मोक्ष-वैशाख शु.६

मोक्षस्थल–सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री वज्रनाभि आदि १०३

मुनि–तीन लाख

गणिनी आर्यिका –मेरुषेणा

आर्यिका–तीन लाख तीस हजार छह सौ

श्रावक–तीन लाख

श्राविका–पांच लाख

जिनशासन यक्ष–यक्षेश्वर देव

यक्षी–वज्रश्रृंखला देवी

भगवान अभिनंदननाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, दस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

पांचवें तीर्थंकर भगवान सुमतिनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि–अयोध्या (उत्तर प्रदेश)

पिता–महाराज मेघरथ

माता–महारानी सुमंगला देवी

वर्ण–क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण–तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह–चकवा

आयु–चालीस लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना–बारह सौ हाथ

गर्भ–श्रावण शु.२

जन्म-चैत्र शु. ११

तप-वैशाख शु.९

दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं प्रियंगुवृक्ष

प्रथम आहार-सौमनस नगर के राजा पद्म द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-चैत्र शु.११  

मोक्ष-चैत्र शु.११

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री अमर आदि ११६

मुनि–तीन लाख बीस हजार

गणिनी आर्यिका- अनंतमती

आर्यिका-तीन लाख तीस हजार

श्रावक-तीन लाख

श्राविका-पांच लाख

जिनशासन यक्ष-तुंबुरू देव

यक्षी-पुरुषदत्ता देवी

भगवान सुमतिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, एक लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

छठे तीर्थंकर भगवान पद्मप्रभ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि–कौशाम्बी (जिला-कौशाम्बी) उत्तर प्रदेश

पिता–महाराजा धरणराज

माता-महारानी सुसीमा

वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-पद्मरागमणि सदृश

चिन्ह-लाल कमल

आयु-तीस लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना-एक हजार हाथ

गर्भ-माघ कृ.६

जन्म-कार्तिक कृ. १३

तप-कार्तिक कृ.१३

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-मनोहर वन (प्रभाषगिरि) एवं प्रियंगुवृक्ष

प्रथम आहार-वद्र्धमान नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-चैत्र शु.१५

मोक्ष-फाल्गुन कृ.४

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री वज्रचामर आदि ११०

मुनि-तीन लाख तीस हजार

गणिनी आर्यिका– रतिषेणा

आर्यिका-चार लाख तीस हजार

श्रावक-तीन लाख

श्राविका-पांच लाख

जिनशासन

यक्ष-कुसुमदेव

यक्षी–मनोवेगा देवी

भगवान पद्मप्रभ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम बीस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

पिता–महाराजा सुप्रतिष्ठ

माता–महारानी पृथ्वीषेणा

वर्ण–क्षत्रिय

वंश–इक्ष्वाकु

देहवर्ण–मरकतमणि सम (हरा)

चिन्ह-स्वस्तिक

आयु–बीस लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना–आठ सौ हाथ

गर्भ–भाद्रपद शु. ६

जन्म-ज्येष्ठ शु. १२

तप-ज्येष्ठ शु. १२

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं शिरीष वृक्ष

प्रथम आहार-सोमखेट नगर के राजा महेन्द्रदत्त द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-फाल्गुन कृ.६

मोक्ष-फाल्गुन कृ.७

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्रीबल आदि ९५

मुनि-तीन लाख

गणिनी आर्यिका -मीनार्या

आर्यिका-तीन लाख तीस हजार

श्रावक-तीन लाख

श्राविका-पांच लाख जिनशासन

यक्ष-वरनंदिदेव

यक्षी–काली देवी

भगवान सुपार्श्वनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम दस हजार करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-चन्द्रपुरी (जिला-बनारस) उत्तर प्रदेश

पिता-महाराजा महासेन

माता-महारानी लक्ष्मणा

वर्ण–क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-कुंदपुष्प सम श्वेत

चिन्ह-चन्द्रमा

आयु-दस लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना–छह सौ हाथ

गर्भ–चैत्र कृ. ५

जन्म-पौष कृ. ११

तप-पौष कृ. ११

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सर्वर्तुकवन एवं नागवृक्ष

प्रथम आहार-नलिन नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-फाल्गुन कृ.७

मोक्ष-फाल्गुन कृ.७

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री श्रीदत्त आदि ९३

मुनि–ढाई लाख

गणिनीआर्यिका -वरुणा

आर्यिका-तीन लाख अस्सी हजार

श्रावक -तीन लाख

श्राविका–पांच लाख

जिनशासन यक्ष-विजयदेव

यक्षी–ज्वालामालिनी देवी

भगवान चन्द्रप्रभु वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम सौ करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

नवमें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंतनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-काकन्दी (उत्तर प्रदेश)

पिता-महाराजा सुग्रीव

माता-महारानी जयरामा

वर्ण-क्षत्रिय

वंश–इक्ष्वाकु

देहवर्ण-कुन्द्पुष्प सम श्वेत

चिन्ह-मगर

आयु-दो लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना-चार सौ हाथ

गर्भ-फाल्गुन कृ.९

जन्म-मगसिर शु.१

तप-मगसिर शु. १

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष – पुष्पकवन एवं नागवृक्ष

प्रथम आहार-शैलपुर के राजा पुष्पमित्र द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-कार्तिक शु.२

मोक्ष–भाद्रपद शु.८

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री विदर्भ आदि ८८

मुनि-दो लाख

गणिनी आर्यिका -घोषार्या

आर्यिका–तीन लाख अस्सी हजार

श्रावक-दो लाख

श्राविका-पांच लाख

जिनशासन यक्ष-अजित देव

यक्षी-महाकाली देवी

भगवान पुष्पदन्तनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम दस करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

दसवें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-भद्रपुरी

पिता-महाराजा दृढ़रथ

माता-महारानी सुनन्दा

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण–तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-श्रीवृक्ष (कल्पवृक्ष)

आयु–एक लाख पूर्व वर्ष

अवगाहना-तीन सौ साठ हाथ

गर्भ-चैत्र कृ. ८

जन्म-माघ कृ. १२

तप-माघ कृ. १२

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं बेलवृक्ष

प्रथम आहार-अरिष्ट नगर के राजा पुनर्वसु द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-पौष कृ. १४

मोक्ष–आश्विन शु. ८

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री अनगार आदि ८१

मुनि–एक लाख              

गणिनी आर्यिका– धरणा

आर्यिका-तीन लाख अस्सी हजार

श्रावक-दो लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-ब्रह्मेश्वर देव

यक्षी–मानवी देवी

भगवान शीतलनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम एक करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

ग्यारहवें तीर्थंकर भगवान श्रेयांसनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि – सिंहपुरी (जिला-वाराणसी) उत्तर प्रदेश

पिता-महाराजा विष्णुमित्र

माता–महारानी नन्दा

वर्ण–क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण–तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-गैंडा

आयु-चौरासी लाख वर्ष

अवगाहना-तीन सौ बीस हाथ

गर्भ–ज्येष्ठ कृ. ६

जन्म-फाल्गुन कृ. ११

तप-फाल्गुन कृ. ११

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-मनोहर उद्यान एवं तुुंबुरू वृक्ष

प्रथम आहार-सिद्धार्थ नगर के राजा नंद द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-माघ कृ. अमावस

मोक्ष-श्रावण शु. १५

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री कुन्थु आदि ७७

मुनि-चौरासी हजार

गणिनी आर्यिका -धारणा

आर्यिका-एक लाख बीस हजार

श्रावक-दो लाख

श्राविका-चार लाख

जिनशासन यक्ष-कुमार देव

यक्षी-गौरी देवी

भगवान श्रेयांसनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से १०० सागर ६५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-चंपापुर (जि.-भागलपुर) बिहार

पिता-महाराजा वसुपूज्य

माता-महारानी जयावती

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-पद्मरागमणि सदृश

चिन्ह-भैंसा

आयु-बहत्तर लाख वर्ष

अवगाहना-दो सौ अस्सी हाथ

गर्भ-आषाढ़ कृ.६

जन्म-फाल्गुन कृ. १४

तप-फाल्गुन कृ.१४

दीक्षा–केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-मनोहर उद्यान एवं कदंब वृक्ष

प्रथम आहार-महानगर के राजा सुंदर द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-माघ शु.२

मोक्ष–भाद्रपद शु.१४

मोक्षस्थल-चंपापुर (मंदारगिरि)

समवसरण में गणधर-श्री धर्म आदि ६६

मुनि-बहत्तर लाख

गणिनी आर्यिका – सेनार्या

आर्यिका-एक लाख छह हजार

श्रावक-दो लाख

श्राविका-चार लाख

जिनशासन यक्ष-षणमुख देव

यक्षी-गांधारी देव

तेरहवें तीर्थंकर भगवान विमलनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-कांपिल्यपुरी (कंपिलाजी) जि. फरूक्खाबाद (उ.प्र.)

पिता-महाराजा कृतवर्मा

माता-महारानी जयश्यामा

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण

सदृश चिन्ह-सूकर
आयु-साठ लाख वर्ष

अवगाहना-दो सौ चालीस हाथ

गर्भ-ज्येष्ठ कृ.१०

जन्म-माघ शु. ४

तप-माघ शु. ४

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं जामुन वृक्ष

प्रथम आहार-नंदनपुर के राजा कनकप्रभ द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-माघ शु.६

मोक्ष-आषाढ़ कृ. ८

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्रीमंदर आदि ५५

मुनि-अड़सठ हजार

गणिनी-आर्यिका पद्मा

आर्यिका-एक लाख तीन हजार

श्रावक-दो लाख

श्राविका-चार लाख

जिनशासन यक्ष-पाताल देव

यक्षी-वैराटी देवी

भगवान विमलनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से सोलह सागर ६५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

चौदहवें तीर्थंकर भगवान अनन्तनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-अयोध्या (उ.प्र.)

पिता-महाराजा सिंहसेन

माता-महारानी जयश्यामा

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-सेही

आयु-तीस लाख वर्ष

अवगाहना-दो सौ हाथ

गर्भ-कार्तिक कृ.१

जन्म-ज्येष्ठ कृ.१२

तप-ज्येष्ठ कृ. १२

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं पीपल वृक्ष

प्रथम आहार-साकेत पुर के राजा विशाख द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-चैत्र कृ. अमावस

मोक्ष-चैत्र कृ. अमावस

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री जय आदि ५०

मुनि-छ्यासठ हजार

गणिनी-आर्यिका सर्वश्री

आर्यिका-एक लाख आठ हजार

श्रावक-दो लाख

श्राविका-चार लाख

जिनशासन यक्ष-किन्नर देव

यक्षी-अनंतमती देवी

भगवान अनन्तनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से सात सागर ६५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

पन्द्रहवें तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-रत्नपुरी (जिला फैजाबाद) उत्तर प्रदेश

पिता-महाराजा भानुराज

माता-महारानी सुप्रभा

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-वज्रदंड

आयु-दस लाख वर्ष

अवगाहना-एक सौ अस्सी हाथ

गर्भ-वैशाख शु. १३

जन्म-माघ शु. १३

तप-माघ शु. १३

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-शालवन एवं सप्तपर्ण

प्रथम आहार-पाटलिपुत्र नगर के राजा धन्यषेण द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-पौष शु. १५

मोक्ष-ज्येष्ठ शु. ४

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री अरिष्टसेन आदि ४३

मुनि-चौंसठ हजार

गणिनी-आर्यिका सुव्रता

आर्यिका-बासठ हजार चार सौ

श्रावक-दो लाख

श्राविका-चार लाख

जिनशासन यक्ष- किंपुरुसदेव

यक्षी-मानसी देवी

भगवान धर्मनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से तीन सागर ६५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

सोलहवें तीर्थंकर भगवान शान्तिनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-हस्तिनापुर (जि. मेरठ) उत्तर प्रदेश

पिता-महाराजा विश्वसेन

माता-महारानी ऐरावती

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-कुरु

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-हरिण

आयु-एक लाख वर्ष

अवगाहना-एक सौ साठ हाथ

गर्भ-भाद्रपद कृ. ७

जन्म-ज्येष्ठ कृ. १४

तप-ज्येष्ठ कृ. १४

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहस्राम्रवन एवं नंद्यावर्त वृक्ष

प्रथम आहार-मंदिरपुर के राजा सुमित्र द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-पौष शु. १०

मोक्ष-ज्येष्ठ कृ. १४

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री चक्रायुध आदि ३६

मुनि-बासठ हजार

गणिनी-आर्यिका हरिषेणा

आर्यिका-साठ हजार तीन सौ

श्रावक-दो लाख

श्राविका-चार लाख

जिनशासन यक्ष -गरुड़देव

यक्षी-महामानसी देवी

भगवान शांतिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४६ से पौन पल्य ६५,८६,५४६ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

सत्रहवें तीर्थंकर भगवान कुंथुनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-हस्तिनापुर (जि. मेरठ) उत्तर प्रदेश

पिता-महाराजा सूरसेन

माता-महारानी श्रीकांता

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-कुरुवंश

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-बकरा

आयु-पंचानवे हजार वर्ष

अवगाहना-एक सौ चालीस हाथ

गर्भ-श्रावण कृ.१०

जन्म-वैशाख शु. १

तप-वैशाख शु. १

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं तिलक वृक्ष

प्रथम आहार-हस्तिनापुर के राजा धर्ममित्र द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-चैत्र शु. ३

मोक्ष-वैशाख शु. १

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री स्वयंभू आदि ३५

मुनि-साठ हजार

गणिनी-आर्यिका भाविता

आर्यिका-साठ हजार तीन सौ पचास

श्रावक-दो लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-गंधर्व देव

यक्षी-जया देवी

भगवान कुंथुनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से पाव पल्य और ६५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

अठारहवें तीर्थंकर भगवान अरनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-हस्तिनापुर (जिला मेरठ) उत्तर प्रदेश

पिता-महाराजा सुदर्शन

माता-महारानी मित्रसेना

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-कुरुवंश

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-मछली

आयु-चौरासी हजार वर्ष

अवगाहना-एक सौ बीस हाथ

गर्भ-फाल्गुन कृ.३

जन्म-मगसिर शु.१४

तप-मगसिर शु. १०

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं आम्र वृक्ष

प्रथम आहार-चक्रपुर के राजा अपराजित द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-कार्तिक शु. १२

मोक्ष-चैत्र कृ. अमावस्या

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री कुंभार्य आदि ३०

मुनि-पचास हजार

गणिनी-आर्यिका यक्षिला

आर्यिका-साठ हजार

श्रावक-एक लाख साठ हजार

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-महेन्द्र देव

यक्षी-विजया देवी

भगवान अरनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से १० अरब ६५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

उन्नीसवें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-मिथिलानगरी

पिता-महाराजा कुंभराज

माता-महारानी प्रजावती

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-कलश

आयु-पचपन हजार वर्ष

अवगाहना-सौ हाथ

गर्भ-चैत्र शु. १

जन्म-मगसिर शु.११

तप-मगसिर शु. ११

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-श्वेतवन एवं अशोक वृक्ष

प्रथम आहार-मिथिला नगरी के राजा नंदिषेण द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-पौष कृ. २

मोक्ष-फाल्गुन शु. ५

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री विशाख आदि २८

मुनि-चालीस हजार

गणिनी-आर्यिका बंधुषेणा

आर्यिका-पचपन हजार

श्रावक-एक लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-कुबेर देव

यक्षी-अपराजिता देवी

भगवान मल्लिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४३ से ६५,८६,५४३ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

बीसवें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रतनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-राजगृही (जिला नालंदा) बिहार

पिता-महाराजा सुमित्र

माता-महारानी सोमा

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-हरिवंश

देहवर्ण-वैडूर्यमणि सदृश

चिन्ह-कछुआ

आयु-तीस हजार वर्ष

अवगाहना-अस्सी हाथ

गर्भ-श्रावण कृ. २

जन्म-वैशाख कृ. १२

तप-वैशाख कृ. १०

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-नील वन एवं चंपक वृक्ष

प्रथम आहार-राजगृह के राजा वृषभसेन द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-वैशाख कृ. ९

मोक्ष-फाल्गुन कृ. १२

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री मल्लि आदि १८

मुनि-तीस हजार

गणिनी-आर्यिका पुष्पदंता

आर्यिका-पचास हजार

श्रावक-एक लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-वरूण देव

यक्षी-बहरूपिणी देवी

भगवान मुनिसुव्रतनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४३ से ११,८६,५४३ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

इक्कीसवें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-मिथिलानगरी

पिता-महाराजा विजय

माता-महारानी वप्पिला (वर्मिला)

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-इक्ष्वाकु

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-नीलकमल

आयु-दस हजार वर्ष

अवगाहना-साठ हाथ

गर्भ-आश्विन कृ.२

जन्म-आषाढ़ कृ.१०

तप-आषाढ़ कृ.१०

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-चैत्रवन एवं वकुलवृक्ष

प्रथम आहार-वीरपुर नगर के राजा दत्त द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-मगसिर शु. ११

मोक्ष-वैशाख कृ. १४

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री सुप्रभार्य आदि १७

मुनि-बीस हजार

गणिनी-आर्यिका मंगिनी

आर्यिका-पैंतालीस हजार

श्रावक-एक लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-श्री विद्युत्प्रभ देव

यक्षी-चामुण्डी देवी

भगवान नमिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से ५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

बाइसवें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-शौरीपुरबटेश्वर (उत्तर प्रदेश)

पिता-महाराजा समुद्रविजय

माता-महारानी शिवादेवी

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-हरिवंश

देहवर्ण-वैडूर्यमणि सदृश

चिन्ह-शंख

आयु-एक हजार वर्ष

अवगाहना-चालीस हाथ

गर्भ-कार्तिक शु. ६

जन्म-श्रावण शु. ६

तप-श्रावण शु. ६

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-सहस्राम्रवन एवं बांस वृक्ष

प्रथम आहार-द्वारावती के राजा वरदत्त द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-आश्विन शु. १

मोक्ष-आषाढ़ शु. ७

मोक्षस्थल-ऊर्जयंतपर्वत (गिरनार)

समवसरण में गणधर-श्री वरदत्त आदि ११

मुनि-अठारह हजार

गणिनी-आर्यिका राजीमती (राजुलमती)

आर्यिका-चालीस हजार

श्रावक-एक लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-सर्वाण्हदेव

यक्षी-कूष्माण्डी देवी

भगवान नेमिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४३ से ८६,५४३ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

तेइसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

पिता-महाराजा अश्वसेन

माता-महारानी वामादेवी (ब्राह्मी)

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-उग्रवंश

देहवर्ण-मरकतमणि सदृश (हरा)

चिन्ह-सर्प

आयु-सौ वर्ष

अवगाहना-नौ हाथ

गर्भ-वैशाख कृ. २

जन्म-पौष कृ. ११

तप-पौष कृ. ११

दीक्षा वन एवं वृक्ष-अश्ववन एवं देवदारूवृक्ष

प्रथम आहार- गुल्मखेट नगर के राजा धन्य द्वारा (खीर)

केवलज्ञान स्थल-अहिच्छत्र

केवलज्ञान-चैत्र कृ. ४ (१४)

मोक्ष-श्रावण शु. ७

मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत

समवसरण में गणधर-श्री स्वयंभू आदि १०

मुनि-सोलह हजार

गणिनी-आर्यिका सुलोचना

आर्यिका-छत्तीस हजार

श्रावक-एक लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-धरणेन्द्र देव

यक्षी-पद्मावती देवी

भगवान पार्श्वनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४३ से २७९३ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-कुंडलपुर जिला नालन्दा (बिहार)

पिता-महाराजा सिद्धार्थ

माता-महारानी प्रियकारिणी (त्रिशला)

वर्ण-क्षत्रिय

वंश-नाथवंश

देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश

चिन्ह-सिंह

आयु-बहत्तर वर्ष

अवगाहना-सात हाथ (अरत्नि)

गर्भ-आषाढ़ शु. ६

जन्म-चैत्र शु. १३

तप-मगसिर कृ. १०

दीक्षा-केवलज्ञान

वन एवं वृक्ष-षण्डवन (मनोहरवन) एवं साल वृक्ष

प्रथम आहार-कूल ग्राम के राजा वकुल द्वारा (खीर)

विशेष आहार-कौशाम्बी में महासती चंदना द्वारा (खीर)

केवलज्ञान-वैशाख शु. १० (ऋजुकूला नदी के तट पर)

वीरशासन जयंती-(दिव्यध्वनि दिवस) श्रावण कृ.१ राजगृही

मोक्षकल्याणक-कार्तिक कृ. अमावस्या

मोक्ष स्थल-पावापुरी

समवसरण में गणधर-श्री इन्द्रभूति आदि ११

मुनि-चौदह हजार

गणिनी-आर्यिका चन्दना

आर्यिका-छत्तीस हजार

श्रावक-एक लाख

श्राविका-तीन लाख

जिनशासन यक्ष-मातंग देव (गुह्यकदेव)

यक्षी-सिद्धायिनी देवी

२६१६ वर्ष पूर्व भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ। भगवान महावीर स्वामी वर्तमान वीर नि.सं. से २५४३ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

 

Tags: चौबीस तीर्थंकर
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