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चौबीस तीर्थंकर जीवन दर्शन

June 1, 2022Special ArticlesShreya Jain

प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जीवन दर्शन


जन्मभूमि – अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज नाभिराय   माता-महारानी मरुदेवी
वर्ण– क्षत्रिय       वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण –  तप्त स्वर्ण सदृश      चिन्ह –  बैल
आयु – चौरासी लाख पूर्व वर्ष      अवगाहना  -दो हजार हाथ
गर्भ– आषाढ़ कृ.२   जन्म  -चैत्र कृ.९   तप– चैत्र कृ.९
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष– प्रयाग-सिद्धार्थवन, वट वृक्ष (अक्षयवट)
प्रथम आहार– हस्तिनापुर के राजा श्रेयांस द्वारा (इक्षुरस)
केवलज्ञान-फाल्गुन कृ.११  मोक्ष– माघ कृ.१४ , कैलाश पर्वतस  समवसरण में  गणधर-श्री वृषभसेन आदि ८४  मुनि-चौरासी हजार गणिनी आर्यिका – ब्राह्मी  आर्यिका – तीन लाख पचास हजार      श्रावक-तीन लाख  श्राविका-पांच लाख                             नशासन यक्ष-गोमुख देव    यक्षी -चक्रेश्वरी देवी

भगवान ऋषभदेव वर्तमान वीर नि.सं.२५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, सौ लाख करोड़ सागर अर्थात् एक कोड़ाकोड़ी सागर वर्ष पहले मोक्ष गए हैं। इससे चौरासी लाख पूर्व वर्ष पहले जन्में हैं।

 

दूसरे तीर्थंकर भगवान अजितनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता-महाराज जितशत्रु  माता-महारानी विजया
वर्ण-क्षत्रिय   वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश चिन्ह-हाथी
आयु-बहत्तर लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-अट्ठारह सौ हाथ
गर्भ-ज्येष्ठ कृ. अमावस्या जन्म-माघ शु. १०
तप-माघ शु. ९                                                                        दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं सप्तपर्ण वृक्ष              प्रथम आहार-साकेतनगरी के राजा ब्रह्म द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-पौष शु.११ मोक्ष-चैत्र शु.५
मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में गणधर-श्रीसिंहसेन आदि ९०  मुनि-एक लाख
गणिनी आर्यिका – प्रकुब्जा आर्यिका-तीन लाख बीस हजार
श्रावक-तीन लाख  श्राविका-पांच लाख
जिनशासन यक्ष-महायक्ष देव यक्षी-रोहिणी देवी
भगवान अजितनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम पचास लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

तीसरे तीर्थंकर भगवान संभवनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-श्रावस्ती (जिला-बहराइच) उत्तर प्रदेश
पिता-महाराज दृढ़राज  माता-महारानी सुषेणा
वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश चिन्ह-घोड़ा
आयु-साठ लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-सोलह सौ हाथ
गर्भ-फाल्गुन शु.८  जन्म– कार्तिक शु. १५
तप-मगसिर शु.१५
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं शाल्मलि वृक्ष
प्रथम आहार-श्रावस्ती के राजा सुरेन्द्रदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान– कार्तिक कृ.४ मोक्ष-चैत्र शु.६
मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में गणधर-श्री चारूषेण आदि १०५
मुनि-दो लाख गणिनी आर्यिका -धर्मार्या
आर्यिका-तीन लाख बीस हजार                                                  श्रावक-तीन लाख   श्राविका-पांच लाख                                        जिनशासन यक्ष-त्रिमुखदेव   यक्षी-प्रज्ञप्तिदेवी
भगवान संभवनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, बीस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

चौथे तीर्थंकर भगवान अभिनंदननाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता-महाराज स्वयंवरराज  माता-महारानी सिद्धार्था
वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश चिन्ह-बंदर
आयु-पचास लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-चौदह सौ हाथ
गर्भ-वैशाख शु. ६ जन्म-माघ शु. १२
तप-माघ शु. १२
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं असन वृक्ष
प्रथम आहार-साकेत नगरी के राजा इन्द्रदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-पौष शु. १४ मोक्ष-वैशाख शु.६
मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में गणधर-श्री वज्रनाभि आदि १०३
मुनि-तीन लाख गणिनी आर्यिका -मेरुषेणा
आर्यिका-तीन लाख तीस हजार छह सौ                                          श्रावक-तीन लाख  श्राविका-पांच लाख                                जिनशासन यक्ष-यक्षेश्वर देव  यक्षी-वज्रश्रृंखला देवी
भगवान अभिनंदननाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, दस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

पांचवें तीर्थंकर भगवान सुमतिनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता-महाराज मेघरथ माता-महारानी सुमंगला देवी
वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश चिन्ह-चकवा
आयु-चालीस लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-बारह सौ हाथ
गर्भ-श्रावण शु.२ जन्म-चैत्र शु. ११
तप-वैशाख शु.९
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं प्रियंगुवृक्ष
प्रथम आहार-सौमनस नगर के राजा पद्म द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-चैत्र शु.११   मोक्ष-चैत्र शु.११ मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में गणधर-श्री अमर आदि ११६  मुनि-तीन लाख बीस हजार
गणिनी आर्यिका अनंतमती आर्यिका-तीन लाख तीस हजार
श्रावक-तीन लाख श्राविका-पांच लाख
जिनशासन यक्ष-तुंबुरू देव यक्षी-पुरुषदत्ता देवी
भगवान सुमतिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम, एक लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

छठे तीर्थंकर भगवान पद्मप्रभ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-कौशाम्बी (जिला-कौशाम्बी) उत्तर प्रदेश
पिता-महाराजा धरणराज माता-महारानी सुसीमा
वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-पद्मरागमणि सदृश चिन्ह-लाल कमल
आयु-तीस लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-एक हजार हाथ
गर्भ-माघ कृ.६ जन्म-कार्तिक कृ. १३
तप-कार्तिक कृ.१३
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-मनोहर वन (प्रभाषगिरि) एवं प्रियंगुवृक्ष
प्रथम आहार-वद्र्धमान नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-चैत्र शु.१५ मोक्ष-फाल्गुन कृ.४ मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में गणधर-श्री वज्रचामर आदि ११० मुनि-तीन लाख तीस हजार                                                                                गणिनी आर्यिका– रतिषेणा आर्यिका-चार लाख तीस हजार                  श्रावक-तीन लाख श्राविका-पांच लाख                                          जिनशासन यक्ष-कुसुमदेव   यक्षी-मनोवेगा देवी
भगवान पद्मप्रभ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम बीस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

 

सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
पिता-महाराजा सुप्रतिष्ठ माता-महारानी पृथ्वीषेणा
वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-मरकतमणि सम (हरा) चिन्ह-स्वस्तिक
आयु-बीस लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-आठ सौ हाथ
गर्भ-भाद्रपद शु. ६ जन्म-ज्येष्ठ शु. १२
तप-ज्येष्ठ शु. १२
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं शिरीष वृक्ष
प्रथम आहार-सोमखेट नगर के राजा महेन्द्रदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-फाल्गुन कृ.६ मोक्ष-फाल्गुन कृ.७
मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत                                                  समवसरण में गणधर-श्रीबल आदि ९५
मुनि-तीन लाख गणिनी आर्यिका -मीनार्या
आर्यिका-तीन लाख तीस हजार श्रावक-तीन लाख श्राविका-पांच लाख    जिनशासन यक्ष-वरनंदिदेव यक्षी-काली देवी
भगवान सुपार्श्वनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम दस हजार करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-चन्द्रपुरी (जिला-बनारस) उत्तर प्रदेश
पिता-महाराजा महासेन माता-महारानी लक्ष्मणा                                वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु देहवर्ण-कुंदपुष्प सम श्वेत चिन्ह-चन्द्रमा
आयु-दस लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-छह सौ हाथ                              गर्भ-चैत्र कृ. ५  जन्म-पौष कृ. ११
तप-पौष कृ. ११
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सर्वर्तुकवन एवं नागवृक्ष
प्रथम आहार-नलिन नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-फाल्गुन कृ.७  मोक्ष-फाल्गुन कृ.७
मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत                                                    समवसरण में गणधर-श्री श्रीदत्त आदि ९३  मुनि-ढाई लाख गणिनीआर्यिका -वरुणा आर्यिका-तीन लाख अस्सी हजार          श्रावक -तीन लाख श्राविका-पांच लाख                                          जिनशासन यक्ष-विजयदेव यक्षी-ज्वालामालिनी देवी

भगवान चन्द्रप्रभु वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम सौ करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

नवमें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंतनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-काकन्दी (उत्तर प्रदेश)
पिता-महाराजा सुग्रीव माता-महारानी जयरामा वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-कुन्द्पुष्प सम श्वेत चिन्ह-मगर
आयु-दो लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-चार सौ हाथ गर्भ-फाल्गुन कृ.९ जन्म-मगसिर शु.१
तप-मगसिर शु. १
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष – पुष्पकवन एवं नागवृक्ष
प्रथम आहार-शैलपुर के राजा पुष्पमित्र द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-कार्तिक शु.२ मोक्ष-भाद्रपद शु.८  मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में गणधर-श्री विदर्भ आदि ८८ मुनि-दो लाख गणिनी आर्यिका -घोषार्या आर्यिका-तीन लाख अस्सी हजार
श्रावक-दो लाख श्राविका-पांच लाख
जिनशासन यक्ष-अजित देव यक्षी-महाकाली देवी
भगवान पुष्पदन्तनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम दस करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

दसवें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-भद्रपुरी
पिता-महाराजा दृढ़रथ माता-महारानी सुनन्दा वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश चिन्ह-श्रीवृक्ष (कल्पवृक्ष)
आयु-एक लाख पूर्व वर्ष अवगाहना-तीन सौ साठ हाथ                        गर्भ-चैत्र कृ. ८   जन्म-माघ कृ. १२
तप-माघ कृ. १२
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं बेलवृक्ष
प्रथम आहार-अरिष्ट नगर के राजा पुनर्वसु द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-पौष कृ. १४ मोक्ष-आश्विन शु. ८ मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत                                                                                  समवसरण में गणधर-श्री अनगार आदि ८१ मुनि-एक लाख               गणिनी आर्यिका- धरणा   आर्यिका-तीन लाख अस्सी हजार                श्रावक-दो लाख श्राविका-तीन लाख                                          जिनशासन यक्ष-ब्रह्मेश्वर देव   यक्षी-मानवी देवी
भगवान शीतलनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३८ से ३९४९८ वर्ष कम एक करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।

ग्यारहवें तीर्थंकर भगवान श्रेयांसनाथ का जीवन दर्शन


जन्मभूमि – सिंहपुरी (जिला-वाराणसी) उत्तर प्रदेश
पिता-महाराजा विष्णुमित्र  माता-महारानी नन्दा                              वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश चिन्ह-गैंडा
आयु-चौरासी लाख वर्ष अवगाहना-तीन सौ बीस हाथ                        गर्भ-ज्येष्ठ कृ. ६ जन्म-फाल्गुन कृ. ११
तप-फाल्गुन कृ. ११
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-मनोहर उद्यान एवं तुुंबुरू वृक्ष
प्रथम आहार-सिद्धार्थ नगर के राजा नंद द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-माघ कृ. अमावस मोक्ष-श्रावण शु. १५  मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत                                                                          समवसरण में गणधर-श्री कुन्थु आदि ७७ मुनि-चौरासी हजार              गणिनी आर्यिका -धारणा  आर्यिका-एक लाख बीस हजार                  श्रावक-दो लाख श्राविका-चार लाख                                            जिनशासन यक्ष-कुमार देव  यक्षी-गौरी देवी
भगवान श्रेयांसनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५३४ से १०० सागर ६५,८६,५३४ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।

बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का जीवन दर्शन


जन्मभूमि-चंपापुर (जि.-भागलपुर) बिहार
पिता-महाराजा वसुपूज्य माता-महारानी जयावती                          वर्ण-क्षत्रिय वंश-इक्ष्वाकु
देहवर्ण-पद्मरागमणि सदृश चिन्ह-भैंसा
आयु-बहत्तर लाख वर्ष अवगाहना-दो सौ अस्सी हाथ                        गर्भ-आषाढ़ कृ.६ जन्म-फाल्गुन कृ. १४
तप-फाल्गुन कृ.१४
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-मनोहर उद्यान एवं कदंब वृक्ष
प्रथम आहार-महानगर के राजा सुंदर द्वारा (खीर)
केवलज्ञान-माघ शु.२   मोक्ष-भाद्रपद शु.१४ मोक्षस्थल-चंपापुर (मंदारगिरि)                                                                          समवसरण में गणधर-श्री धर्म आदि ६६  मुनि-बहत्तर लाख                  गणिनी आर्यिका – सेनार्या  आर्यिका-एक लाख छह हजार                श्रा<

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