तरेप्पन क्रिया वृत
Union or association with youngs (which is prohibited in relation to observing celibacy). श्रावक की 53 क्रियाओं के वृत – अष्टमूलगुण , बारह व्रत, बारहि तप, समता भाव, ग्यारह प्रतिमाएं, चार दान, पानी छानकर पीना, रात्रि भोजन त्याग, सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान आसैर सम्यग्चारित्र के वृत । इनकी विधिस ग्रंथों में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]