Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

तीन सौ ग्यारह पर्वत कहाँ हैं!

October 31, 2013स्वाध्याय करेंjambudweep

तीन सौ ग्यारह पर्वत कहाँ हैं


सुमेरु पर्वत विदेह के मध्य में है। छह कुलाचल-सात क्षेत्रों की सीमा करते हैं। चार गजदंत मेरु की विदिशा में हैं। सोलह वक्षार विदेह क्षेत्र में हैं। बत्तीस विजयार्ध बत्तीस विदेह देश में हैं और दो विजयार्ध, भरत और ऐरावत में एक-एक हैं अत: चौंतीस वजयार्ध हैं। बत्तीस विदेह के ३२, भरत-ऐरावत के दो ऐसे चौंतीस वृषभाचल हैं। हैमवत, हरि तथा रम्यक और हैरण्यवत में एक-एक नाभिगिरि ऐसे चार नाभिगिरि हैं।सीता नदी के पूर्व-पश्चिम तट पर एक-एक ऐसे चार यमकगिरि हैं। देवकुरु-उत्तरकुरु में दो-दो तथा पूर्व-पश्चिम भद्रसाल में दो-दो ऐसे आठ दिग्गज पर्वत हैं। सीता-सीतोदा के बीच बीस सरोवरों में प्रत्येक सरोवर के दोनों तटों पर पाँच-पाँच होने से दो सौ कांचनगिरि हैं। विशेष—इनमें से सुमेरु के १६, कुलाचल के ६, गजदंत के ४, वक्षार के १६, विजयार्थ के ३४ ऐसे १६ + ६ + ४ + १६ + ३४ = ७६ ऐसे ७६ जिनमंदिरों में जंबू-शाल्मलि वृक्ष के २ मंदिर लेने से जंबूद्वीप के अकृत्रिम ७८ जिनमंदिर होते हैं। शेष पर्वतों के ऊपर देवभवनों में भी जिनमंदिर हैं, वे व्यंतर देवों के जिनमंदिर कहलाते हैं।

 

Tags: Jain Geography
Previous post जम्बूद्वीप में ५६८ कूट हैं Next post सुमेरु के नंदनवन में बलभद्र आदि ९ कूट हैं

Related Articles

भू-भ्रमण का खण्डन!

July 22, 2017jambudweep

जम्बूद्वीप के ७ क्षेत्रों के नाम

October 30, 2013jambudweep

जैन भूगोल-परम्परा

July 3, 2022Alka Jain
Privacy Policy