Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

दक्षिण भारत जैन सभा

July 11, 2017ज्ञानमती माताजीjambudweep

दक्षिण भारत जैन सभा



 सन् १८९९ में स्थापित ‘‘दक्षिण भारत जैन सभा’’ दिगम्बर जैन समाज की एक ऐसी सशक्त संस्था है, जिसने भारत वर्ष में जैन समाज की संगठित शक्ति को बुलंद आवाज की पहचान दिलाने में महान कार्य किये हैं। ११४ वर्षों से लगातार सफलता एवं उन्नति के स्वर्णिम सोपान चढ़ने वाली इस ऐतिहासिक संस्था ने सदैव ही चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज की आर्ष परम्परा को सर्वोपरि मानकर आगम निष्ठा के साथ शिक्षा, समाज और धर्म के क्षेत्र में महनीय अवदान दिये हैं।
 
‘‘वीर सेवा दल’’ तथा ‘‘वीर महिला मण्डल’’ इस संस्था के अन्तर्गत दो ऐसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जिनके बल पर समूचे भारत में जैनधर्म की क्रांति पैदा की जा सकती है। अनेक बोर्डिंग तथा स्कूलों की शृँखला, हजारों की संख्या में पर्याप्त छात्र-वृत्तियाँ, १७८ पाठशालाएँ और ६५०० से अधिक विद्यार्थी आदि शिक्षा के क्षेत्र के ऐसे अनेक बेमिसाल कार्य इस संस्था की देन है, जिससे आज समाज का बहुमूल्य विकास संभव हुआ है।
 
संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में भी प्राचीन धरोहरों एवं मंदिरों के उद्धार तथा आर्ष परम्परा के प्रति सदैव कटिबद्ध रहने वाली यह संस्था समाज विकास के क्षेत्र में भी नशा विरोधी जनांदोलन, शाकाहार का प्रचार, व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व विकास, श्रमदान शिविर संचालन, व्रेडिट सोसाइटियाँ तथा विशेषरूप से ग्रेज्युएट्स ऐसासिएशन जैसी विभिन्न योजनाओं का संचालन करती है, जिनके माध्यम से समाज में धर्म व संस्कृति के संरक्षण हेतु सदैव कृतसंकल्पित एवं समर्पित रहने वाले वीर युवा साथी, वीर महिलाएँ तथा प्रौढ़ विद्वान् जन्म लेते हैं।
 
विशेषरूप से इस संस्था के अन्तर्गत ४००० सदस्यों वाला एक अनोखा ‘ब्रेन ट्रस्ट’ निर्मित है, जिसके माध्यम से सूचना-तकनीकी व हाईटेक शिक्षा के क्षेत्र में अनेकों प्रतिभाशाली छात्रगण मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं।

दक्षिण भारत जैन सभा की अन्य विशेष जानकारियाँ


 परम्परा गुरु – चारित्रचक्रवर्ती प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज स्थापना – सन् १८९९ में महाराष्ट्र के पूर्व वित्तमंत्री दीवान बहादुर श्री आण्णासाहेब बाबाजी लट्ठे द्वारा स्थापना स्थली – श्री क्षेत्र स्तवनिधि बोर्डिंग स्कूल प्रणाली के पितामह – श्री माणिकचंद हीराचंद झवेरी सभा के संरक्षक – छत्रपति साहू महाराज सभा के छात्र एवं भूतपूर्व अध्यक्ष – डॉ. कर्मवीर भाऊराव पाटील मुख पत्रिका – प्रगति आणि जिनविजय (सन् १९०२ से मराठी और कन्नड़ भाषाओं में सतत् प्रकाशित-मासिक)

दक्षिण भारत जैन सभा के अन्तर्गत विभिन्न संस्थाएँ


# -महिला परिषद (११४ वर्ष प्राचीन संस्था, जो ग्राम स्तरीय महिला मण्डलों के माध्यम से समाज सुधार एवं उत्थान को प्रोत्साहित करती है)
 
# -वीर सेवा दल (३४ वर्ष पूर्व स्थापित, दस हजार सुयोग्य स्वयंसेवियों, १७५ शाखाओं, १७८ पाठशालाओं, जिनमें ६५०० विद्यार्थियों से समावेशित)
 
# -वीर महिला मण्डल (२५ वर्ष पूर्व स्थापित, उच्च शिक्षा प्राप्त लगभग ५००० सक्रिय सदस्याओं का गतिशील संगठन)
 
# -दिगम्बर जैन बोर्डिंग, कोल्हापुर
 
# -भगवान अनंतनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बोर्डिंग, कोल्हापुर
 
# -स्व. सौ. सुमनबाई राजाभाऊ काला जैन श्राविकाश्रम, औरंगाबाद
 
# -जैन श्राविका आश्रम, कोल्हापुर
 
# -श्रीमती सुशीलाबाई भूपाल सदलगे जैन श्राविका आश्रम, कागल
 
# -श्रीमती अण्णा साहेब पाटील गल्र्स हाईस्कूल, नांद्रे
 
# -दिगम्बर जैन बोर्डिंग, इचलकरंजी
 
# -प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर महाराज स्मारक, येळगुळ
 
# -ग्रेज्युएट्स एसोसिएशन (सन् १९८९ में प्रारंभ, ४००० सदस्यों वाले अनोखे ‘ब्रेन ट्रस्ट’ से समन्वित, जिसमें हाईटेक शिक्षा हेतु छात्रों को मार्गदर्शन दिया जाता है)
 
# -दिगम्बर जैन बोर्डिंग, हुबली
 
# -माणिकचंद दिगम्बर जैन बोर्डिंग, बेलगाँव
 
# -आर.डी. दावड़ा दिगम्बर जैन बोर्डिंग, सांगली
 
# -भगवान आदिनाथ जैन बोर्डिंग मंदिर, सांगली
 
# -श्रीमतीबाई कलंत्रे जैन श्राविका आश्रम, सांगली

सभा के द्वारा प्रदान किये जाने वाले विभिन्न पुरस्कार


# -डॉ. कर्मवीर भाऊराव पाटील समाज सेवा पुरस्कार
 
# -आचार्य विद्यानंद मराठी साहित्य पुरस्कार
 
# -आचार्य बाहुबली कन्नड़ साहित्य पुरस्कार
 
# -श्रीमती प्रेमाबाई भीखमचंद जैन (जलगांवकर) आदर्श माता पुरस्कार
 
# -श्रीमती धन्नाबाई दीपचंद जी गंगवाल त्यागी सेवा महिला पुरस्कार
 
# -स्व. चंपतराय जी अजमेरा युवा पुरस्कार
 
# -स्व. वीराचार्य बाबा साहेब कुचनुरे आदर्श युवा पुरस्कार
 
# -स्व. डॉ. एन.जे. पाटील आदर्श कार्यकर्ता पुरस्कार

भावी योजनाएँ


डॉ. एन. उपाध्ये सेंटर फॉर स्टडीज इन प्राकृत एण्ड जैनोलॉजी -जैन जिम खाना -आई.ए.एस., पी.एस.डी., आई.पी.एस. एक्जामिनेशन गाइडेंस ब्यूरो -जैन चैम्बर ऑफ कामर्स (व्यापार विकास हेतु) -जैन विद्यापीठ (मैनेजमेंट और जैन जीवन शैली की शिक्षा हेतु) अत: वर्तमान में अध्यक्ष-श्री राव साहेब पाटील, बोरगांव तथा चेयरमैन-प्रो. डी.ए.पाटील, जयसिंहपुर आदि
 
पदाधिकारियों के नेतृत्व में प्रगति पथ पर अग्रसर ११४ वर्ष प्राचीन ऐसी प्राचीन जैन संस्था के गौरवपूर्ण इतिहास एवं कार्यकलापों से प्रभावित होकर पूज्य माताजी के ८०वें जन्मजयंती तथा ६२वें त्यागदिवस-शरदपूर्णिमा के अवसर पर जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में आयोजित ‘‘गणिनी ज्ञानमती अमृत महोत्सव’’ में संस्थान के सर्वोच्च पुरस्कार ‘‘गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती पुरस्कार’’ से दक्षिण भारत जैन सभा को सम्मानित करते हुए अत्यन्त गौरव एवं हर्ष के साथ ही इस सभा के यशस्वी, शक्तिमान, प्रभावशाली तथा दिग्दिगंत व्यापी भविष्य की मंगल कामनाएँ करते हैं।
 
Tags: Meri Smritiyan
Previous post प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर परम्परा के प्रति स्वस्तिश्री स्वामी जी के उद्गार Next post एक अनन्य सेवाव्रती

Related Articles

65. अष्टसहस्री ग्रंथ का विमोचन

July 20, 2017jambudweep

क्षुल्लिका दीक्षा प्रदाता आचार्य श्री देशभूषण महाराज का परिचय!

July 7, 2017jambudweep

51. बावनगजा क्षेत्र के दर्शन

July 10, 2017jambudweep
Privacy Policy