दोग्रंथिक पाहुड
Supreme treatise (commandments) containing knowledge of all 12 Angas. जिन भगवान के द्वारा निर्दोष श्रेष्ठ विद्धान आचार्यों की परम्परा से भव्य जनों के लिए भेजे गये बारह अंगों के वचनों का समुदाय अथवा उनका एकदेषपरमानंद।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]