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धातकीखण्ड द्वीप-पुष्करार्ध द्वीप के हिमवान पर्वत आदि के आकार का वर्णन

July 20, 2017स्वाध्याय करेंjambudweep

धातकीखण्ड द्वीप-पुष्करार्ध द्वीप के हिमवान पर्वत आदि के आकार का वर्णन


अथ द्व्यर्धद्वीपस्थितवर्षवर्षधरपर्वतानामाकारं निरूपयति— सयलुद्धिणिभा वस्सा दिवड्ढदीवम्हि तत्थ सेलाओ। अंते अंकमुहाओ खुरप्पसंठाणया बाहिं।।९२७।। शकटोद्धिनिभा वर्षा द्व्यर्धद्वीपे तत्र शैलाः। अन्तः अज्र्मुखाः क्षुरप्रसंस्थानका बहिः।।९२७।। सयलु। द्व्ययर्धद्वीपे वर्षाः शकटोद्धिकानिभाः तत्र शैला अभ्यन्तरे अज्र्मुखाः बाह्ये क्षुरप्रसंस्थानाः।।९२७।।

धातकीखण्ड द्वीप-पुष्करार्ध द्वीप के हिमवान पर्वत आदि के आकार का वर्णन

अब डेढ़ द्वीप में स्थित क्षेत्र और कुलाचलों का आकार कहते हैं—
गाथार्थ—द्व्यर्धद्वीपे अर्थात् डेढ़ द्वीप में स्थित क्षेत्रों का आकार तो शकटोद्ध्रिका अर्थात् गाड़ी के पहिये के सदृश है तथा वहाँ के कुलाचलों का अभ्यन्तर आकार अज्र्मुख एवं बाह्य आकार क्षुरप्रसंस्थान सदृश है।।९२७।।
विशेषार्थ—धातकीखण्ड और अर्ध पुष्करवर द्वीप में क्षेत्र का आकार गाड़ी के पहिये के दो आरों के बीच के आकार सदृश है तथा पर्वतों का आकार पहिये के आरों सदृश है। जिनके अभ्यन्तर की ओर का आकार अज्र् मुख और बाह्य की ओर का आकार खुरपा मुख है।
 
Tags: Jain Geography
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