Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

नवग्रह शांति विधान की आरती!

June 10, 2020जिनेन्द्र भक्तिjambudweep

नवग्रह शांति विधान की आरती

 
तर्ज—चाँद मेरे आ जा रे…………….
 
आरती नवग्रह स्वामी की-२ ग्रह शांति हेतू,
तीर्थंकरों की, सब मिल करो आरतिया।।टेक.।।
आत्मा के संग अनादी, से कर्मबंध माना है।
उस कर्मबंध को तजकर, परमातम पद पाना है।
आरती नवग्रह स्वामी की।।१।।
निज दोष शांत कर जिनवर, तीर्थंकर बन जाते हैं।
तब ही परग्रह नाशन में, वे सक्षम कहलाते हैं।
आरती नवग्रह स्वामी की।।२।।
जो नवग्रह शांती पूजन, को भक्ति सहित करते हैं।
उनके आर्थिक-शारीरिक, सब रोग स्वयं टरते हैं।
आरती नवग्रह स्वामी की।।३।।
कंचन का दीप जलाकर, हम आरति करने आए।
‘‘चंदनामती’’ मुझ मन में, कुछ ज्ञानज्योति जल जाए।।
आरती नवग्रह स्वामी की।।४।।
Tags: Aarti
Previous post गोमुख देव की आरती! Next post नवदेवता विधान आरती!

Related Articles

शांतिनाथ की आरती!

June 11, 2020jambudweep

गणधर स्वामी की आरती!

October 11, 2020jambudweep

शीतलनाथ की आरती A!

June 11, 2020jambudweep
Privacy Policy