| पूज्यश्री का नाम | आचार्य १०८ श्री पंचकल्याणक सागर जी महाराज | 
| जन्मस्थान | मेलवाला, जि.—बासवाड़ा (राज.) | 
| जन्मतिथि व दिनाँक | ज्येष्ठ शुक्ला, १२ संवत २०१२ / १२ जून, १९५५ | 
| जाति | दशा हुमड़ (जैन) | 
| गोत्र | उत्तरेश्वर (पंचोरी) | 
| माता का नाम | श्री मति कंकूबाई | 
| पिता का नाम | श्री क्षुमकलाल पंचोरी | 
| लौकिक शिक्षा | ९ वीं कक्षा पास | 
| आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण | धर्म का अध्ययन व स्वाध्याय प्रारंभ से द्वारा – तपस्वीसम्राट् आचार्य १०८ श्री सन्मति सागर जी महाराज | 
| मुनि दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान | १८-०५-२००५ संवत २०६२, लौहारिया, जि. बांसवाड़ा (राज.) | 
| मुनि दीक्षा गुरु | परम पूज्य आचार्य १०८ श्री भरत सागर जी महाराज | 
| अन्य विशेष जानकारी | भारत भ्रमण समस्त सिद्ध क्षेत्रों व अतिशय क्षेत्रों के दर्शन करते हुए साधना तथा श्रावकों को आत्मकल्याण के मार्ग पर लगाना मूल उद्देश्य | 
| संघ का संपर्क़ सूत्र (मोबाइल, फोन, ईमेल) | ब्र. ज्ञानचंद्र जैन (गरोठ) ०९४०७१४४७१९ श्री अरविन्द कुमार जैन सरेड्डी ०९९८२०४४६२५ | 
| कृपया फार्म के साथ साधु/साध्वी जी का पिच्छी | कमण्डलु सहित रंगीन एवं अच्छा फोटो अवश्य संलग्न करें। | 
