(१) पूज्यश्री का नाम –आचार्य १०८ श्री पंचकल्याणक सागर जी महाराज
(२) गृहस्थावस्था नाम-
(३) जन्मस्थान –मेलवाला, जि.—बासवाड़ा (राज.)
(४) जन्मतिथि व दिनाँक –ज्येष्ठ शुक्ला, १२ संवत २०१२ / १२ जून, १९५५
(५) जाति –दशा हुमड़ (जैन)
(६) गोत्र – उत्तरेश्वर (पंचोरी)
(७)(A) माता का नाम श्रीमति कंकूबाई
(B) पिता का नाम श्री क्षुमकलाल पंचोरी
(८) लौकिक शिक्षा – ९ वीं कक्षा पास
(९) आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – धर्म का अध्ययन व स्वाध्याय प्रारंभ से द्वारा – तपस्वीसम्राट् आचार्य १०८ श्री सन्मति सागर जी महाराज
(१०) क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान –………………………………………………………………..
क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा गुरु –………………………………………………………………..
(११) ऐलक दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान –………………………………………………………………..
ऐलक दीक्षा गुरु –………………………………………………………………..
(१२) मुनि दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – १८-०५-२००५ संवत २०६२, लौहारिया, जि. बांसवाड़ा (राज.)
मुनि दीक्षा गुरु – परम पूज्य आचार्य १०८ श्री भरत सागर जी महाराज
(१३) आर्यिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान –………………………………………………………………..
आर्यिका दीक्षा गुरु –………………………………………………………………..
(१४)आचार्य/उपाध्याय/गणिनी आदि पदारोहण तिथि व स्थान –………………………………………… …………………………………………………………….
पदारोहणकर्ता –……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………
(१५)साहित्यिक कृतित्व -.
(१६)उपाधि – आचार्य
(१७)शिष्यों की संख्या –
आचार्य की संख्या-१
उपाध्याय की संख्या-
मुनि की संख्या- १
गणिनी की संख्या-
आर्यिका की संख्या-
ऐलक की संख्या-
क्षुल्लक की संख्या-.
क्षुल्लिका की संख्या-
ब्रह्मचारी भाई की संख्या- १
ब्रह्मचारिणी बहनें की संख्या-
अन्य संख्या- परम पूज्य मुनि १०८ आर्जव सागर जी महाराज
(१८)अन्य विशेष जानकारी –भारत भ्रमण समस्त सिद्ध क्षेत्रों व अतिशय क्षेत्रों के दर्शन करते हुए साधना तथा श्रावकों को आत्मकल्याण के मार्ग पर लगाना मूल उद्देश्य
(१९)संघ का संपर्क़ सूत्र (मोबाइल, फोन, ईमेल) – ब्र. ज्ञानचंद्र जैन (गरोठ) ०९४०७१४४७१९ श्री अरविन्द कुमार जैन सरेड्डी ०९९८२०४४६२५
(२०)कृपया फार्म के साथ साधु/साध्वी जी का पिच्छी-कमण्डलु सहित रंगीन एवं अच्छा फोटो अवश्य संलग्न करें।