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पत्तियों में छिपा डायबिटीज का इलाज!

August 14, 2017प्राकृतिक चिकित्साjambudweep

पत्तियों में छिपा डायबिटीज का इलाज


यूं तो डायबिटीज को जड़ से मिटाना फिलहाल मुमकिन नहीं है। लेकिन लाइलाज समझकर इसे पूरी तरह से नजरअंदाज करना भी घातक है। आयुर्वेद विशेषज्ञ फल, सब्जी और अलग—अलग पौधों की पत्तियों को ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रखने और इनसुलिन के इस्तेमाल की शरीर की क्षमता बढ़ाने में कारगर मानते हैं।

जामुन की पत्ती

भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में हुए कई अध्यनों में जामुन की पत्ती में मौजूद ‘माइरिलिन’ नाम के यौगिक को खून में शुगर का स्तर घटाने में कारगर पाया गया है। विशेषज्ञ ब्लड शुगर बढ़ने पर सुबह जामुन की चार से पांच पत्तियां पीसकर पीने की सलाह देते हैं। शुगर काबू में आ जाए तो इसका सेवन बंद कर दें।

नीम की पत्ती

आंक को ग्लूकोज सोखने से रोकने के अलावा नीम की पत्ती इनसुलिन के इस्तेमाल की शरीर की क्षमता भी बढ़ाती हैं। इसके सेवन को डायबिटीज की दवाओं पर निर्भरता घटाने में कारगर माना गया है। विशेषज्ञ रोज सुबह खाली पेट नीम की ताजी पत्तियां पीसकर उनसे एक चम्मच रस निकालकर पीने की सलाह देते हैं।

करी पत्ता

करी पत्ते में मौजूद आयरन, जिंक और कॉपर जैसे मिनरल न सिर्फ अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं, बल्कि उन्हें नष्ट होने से भी बचाते हैं। इससे ये कोशिकाएं इनसुलिन का उत्पादन तेज कर देती हैं। डायबिटीज पीड़ितों के लिए रोज सुबह खाली पेटद ८-१० करी पत्ते चबाना फायदेमंद है।

तुलसी की पत्तियां

पाचन तंत्र को दुरूस्त रखने वाली तुलसी अग्नासय की बीटा—कोशिकाओं की गतिविधियों को सुचारु बनाएं रखती हैं। इससे ये कोशिकाएं सही मात्रा में इनसुलिन का उत्पादन करती हैं और ब्लड शुगर का स्तर काबू में रहता हैं। डायबिटीज पीड़ितों के लिए रोज सुबह खाली पेट २ से ४ तुलसी पत्तियां चबाना फायदेमंद है।

आम की पत्तियां

विशेषज्ञ डायबिटीज के मरीजों को आम के सेवन से बचने की सलाह देते हैं , लेकिन इसकी पत्तियां बीमारी की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकती हैं। दरअसल, आम की पत्तियां ग्लूकोज सोखने की आंत की क्षमता घटाती हैं। इससे खून में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। आम की पत्तियां सुखाकर पाउडर बना लें। खाने से एक घंटे पहले पानी में आधा चम्मच घोलकर पीएं।

पपीते के पत्ते

एएलटी और एएसटी एंजाइम का स्तर घटाने में पपीते की पत्तियां कारगर हैं। इससे इनसूलिन के इस्तेमाल की शरीर की क्षमता बढ़ती है। और ग्लूकोज तेजी से ऊर्जा में तब्दील होने लगता है। लिवर बढ़ने, किडनी खराब होने का खतरा कम करने में भी पपीते की पत्तियां असरदार है। रोज सुबह पपीते की ८ से १० पत्तियां पानी में उबालकर पीएं।

गुरमर की पत्ती

अग्नाशय में इनसुलिन का उत्पादन बढ़ाने वाली गुरमर की पत्ती उसकी कार्य क्षमता में भी इजाफा करती है। इससे ग्लूकोज के ऊर्जा में तब्दील होने की गति बढ़ती है। मीठे की तलब शांत करने में भी इसे बेहद असरदार पाया गया है। विशेषज्ञ सुबह खाली पेट गुरमर की दो से तीन पत्तियां चबाने की सलाह देते हैं।
जिनेन्दु, अहमदाबाद, १९ अक्टूबर, २०१४
 
Tags: Ayurveda
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