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पारिजात सिध्दार्थ वृक्ष – Parijata Siddhartha Vrksha.
Name of a tree with the idols of Lord Siddha found in the 6th land of Samavasaean- holy assembly of Jaina- Lord.
तीर्थंकरों के समवसरण की छठी भूमि के चार सिध्दार्थ वृक्षों- नमेरु, मंदार, संतानक एवं परिजात में से एक, जिसके मुलभाग में सिध्दों की प्रतिमाएं विराजमान रहती हैं. जिला- बाराबंकी (उ.प्र.) में त्रिलोकपुर के पास बरौलिया नामक ग्रंथ में पारिजात का एक अत्यंत प्राचीन वृक्ष है, जिसके बारे में किवन्द्न्ती है की पाण्डवों ने इसे यहाँ आरोपित किया था. आज भी इस पर विशेष मौसम (जनवरी से अप्रैल तक) में लाल फूल आते है तथा इस प्राचीन वृक्ष को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुँचते हैं. पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से ई. सन् १९९५ में त्रिलोकपुर (जि.- बाराबंकी, उ.प्र.) अतिशय क्षेत्र में नेमिनाथ जिनालय में धातु से निर्मित पारिजात सिध्दार्थवृक्ष स्थापित किया गया है, जिसमें सिध्द भगवन्तों की ४ प्रतिमाएँ विराजमान हैं “