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पार्थिवी धारणा – Parthivi Dharana.
A specified contemplation (of Pindastha Dhyana) visualising the scenes of earthen elements.
पिण्डस्थ ध्यान की ५ धारणाओंमें प्रथम धारणा; पिण्डस्थ दयां करने वाला योगी पहले शांत और सफेद समुद्र का ध्यान करे, फिर उसके मध्य में स्वर्ण कमल का चिंतन करे, तत्पश्चात उस कमल के मध्य स्थित कर्णिका में श्वेत रंग के सिंहासन का चिंतन कर उस सिंहासन पर सर्व कर्मों का क्षय करने में समर्थ निज आत्मा का चिंतवन करे “