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बरसात में कैसे बचें रोगों से!

July 16, 2017जनरल नॉलेजjambudweep

बरसात में कैसे बचें रोगों से



भीषण गर्मी और सूखे की समस्या के बाद जब बरसात का आगमन होता है तो न सिर्फ प्रकृति खिल उठती है बल्कि लोगों के चेहरों पर भी मुस्कुराहट लौट आती है। लेकिन साथ ही जगह—जगह जल भराव से उत्पन्न गंदगी के कारण बड़ी संख्या में जीवाणु, विषाणु, मच्छर, मक्खी, झींगुर, कीड़े—मकोड़े पैदा हो जाते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बन जाते हैं । इस बरसाती जीवों के काटने से मनुष्य डेंगू, काला बाजार, मलेरिया, पीत ज्वर से पीड़ित हो जाता है। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. मधुसूदन शर्मा के शब्दों में, बरसात का मौसम विभिन्न बीमारियों का अनचाहा बुलावा है। यदि साफ—सफाई न रखी जाए और बरसात के चलते जल भराव, गंदगी पनपती रहे तो बरसाती जीव पैदा हो ही जाते हैं जिनके काटने से मनुष्य में विभिन्न बीमारियां घर कर जाती है। उसकी राय में दूषित जल जो सामान्यत: बरसात में हो जाता है का सेवन मनुष्य के लिए घातक सिद्ध हो जाता है और वह विभिन्न पेट के रोगों से पीड़ित होने के अलावा चर्म रोगों का भी शिकार बन सकता है। डॉ. मधुसूदन बताते हैं कि बरसात में गर्म आद्र्र वातावरण के कारण घमौरियां निकलने लगती हैं, वहीं आंख दुखने की बीमारी (कन्जक्टिवाइटिस) प्राय: हो जाती है।
 

बरसात में स्वसथ कैसे रहें? इसके लिए कुछ सुझाव निम्न प्रकार है। बरसात में जल भराव न होने दें। जहां भी जल भराव की समस्या हो, तत्काल वहां से जल निकासी कराएं । नालियों को ढककर रखें तथा समय—समय पर नाली की सफाई करते रहें। घर के आस—पास कूड़े करकट के ढेर न बनाएं और न ही कीचड़ — गंदगी पनपने दें। रात में पूरी बाजू की कमीज पजामा पहनकर ही सोयें अन्यथा मच्छरों के काटने से मलेरिया हो सकता है। मच्छरों से बचने के लिए मच्छररोधी क्रीम लगाएं मैट्स का प्रयोग करें या फिर कीटनाशक दवाई का छिड़काव करा लें। घर की सफाई पर विशेष ध्यान दें। जल, दूध इत्यादि पेय पदार्थों व भोजन सामग्री को ढककर रखें अन्यथा मक्खियों के प्रकोप से खाद्य सामग्री दूषित हो सकती है जिससे हैजा, पीलिया, डायरिया, आंत्रशोथ जैसी बीमारियां हो सकती हैं। बाजार में खोमचों व ठेलों पर खुले में रखें खाद्य पदार्थों को न खाएं। शुद्ध ताजा व गर्म भोजन ही करें तथा मांसाहारी भोजन से परहेज रखें। पानी उबालकर ही पिएं। दिन में एक—दो बार नींबू पानी पीने से लाभ होता है। भीगे व तंग कपड़े पहनने से बचें अन्यथा त्वचा रोग हो सकता है। बरसात में एक–दूसरे का रूमाल, तौलिया इस्तेमाल न करें।

 
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