Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
मंगलाभिनन्दन
July 7, 2017
ज्ञानमती माताजी
jambudweep
मंगलाभिनन्दन
जिनशासनश्रीसुरभिकौमुदी निष्ठाधृतिसत्कीर्तिस्वरूपा,
विद्याविनयविवेकसुमेधा कर्मज्ञानभक्तिचिद्रूपा।
शरणोत्तममंगलसुरसरिता भूषणभणितिभूतिविज्ञान,
सूक्तिसुधा सिद्धान्तशारदा प्रज्ञाशीलसमाधिवितान।
वागीश्वरी वरेण्यविशेषा रचनाप्रवचनपरमप्रवीण,
भाष्यशोधबोधपरिपूर्णा विश्वशान्तिसद्धर्मधुरीण।
दर्शनज्ञानचरित्रत्रिपथगा महिमामयी विरागविशुद्ध,
दानशीलतपभावप्रतिष्ठा प्रतिभापरिधि प्रमेय प्रबुद्ध।
गणिनीप्रमुख तीर्थपावनता मुक्तिमार्गज्योत्स्नासधान,
संघसहस्ररश्मिसंज्ञाना संघोदय-सन्दीप्ति समान।
दीक्षास्वर्णजयंतीकौस्तुभ आर्या ज्ञानमती अभिनंदन,
आर्यावर्तसुमेरुशिखरश्री जैनभारती शत-शत वंदन!
Tags:
Meri Smritiyan
Previous post
तीर्थंकर का जन्माभिषेक मुनियों द्वारा भी दर्शनीय है।
Next post
ध्यानी मुनि के साम्यभाव से जन्मजात विरोधी प्राणी भी शान्त हो जाते हैं।
Related Articles
आचार्य श्री शिवसागर जी के पुनः दर्शन हेतु विहार
July 12, 2017
jambudweep
85. त्रिमूर्ति मंदिर में क्षेत्रपाल स्थापना
July 18, 2017
jambudweep
अष्टसहस्री हिन्दी अनुवाद की विशेषताएं
July 22, 2017
jambudweep
error:
Content is protected !!