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मुनि सुधासागर महाराज

June 10, 2022साधू साध्वियांjambudweep

मुनि श्री १०८ सुधासागरजी महाराज

पूर्व का नाम :                                 बा.ब्र. जयकुमार जी जैन

पिता का नाम :                               स्व. श्री रूपचंद जी जैन

माता का नाम :                               स्व. श्रीमती शांतिदेवी जी जैन 

भाई – बहिन के नाम                       १)श्री ऋषभ जी, २)आपका क्रम, ३)श्री ज्ञानचंद जी 

(जन्म के क्रम से ) :                       ४)श्रीमती निरंजना जी, ५)श्रीमती कंचनमाला जी

जन्म दिनांक/तिथि                       २१-०८-१९५८, श्रावण शुक्ल सप्तमी 

दिन/स्थान/समय :                      (मोक्ष सप्तमी) अथवा (अगहन कृष्ण द्वितीया) वि.सं. २०१५, ईशुरवारा जिला – सागर (म.प्र.)

शिक्षा (लाैकिक/ धार्मिक) :            बी. कॉम.

ब्रह्मचर्य व्रत दिनांक /                  २०-१०-१९७८, श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र 

दिन/ तिथि /स्थान :                    नैनागिरि जी, छतरपुर (म.प्र.)

क्षुल्लक दीक्षा दिनांक /                १०-०१-१९८०, गुरुवार, माघ कृष्ण ०८, वि.सं.

दिन / तिथि / स्थान :                 २०३६, श्री सिद्धक्षेत्र नैनागिरि जी, छतरपुर (म.प्र.)

एलक दीक्षा दिनांक/                    १५-०४-१९८२, गुरुवार, वैशाख कृष्ण ७ वि.सं.

दिन / तिथि/ स्थान :                  २०३९ मोरा जी सागर (म.प्र.)

मुनि दीक्षा दिनांक /                   २५-०९-१९८३, रविवार, आश्विन कृष्ण तृतीया वि.सं.

दिन / तिथि / स्थान :              २०४०, ईसरी बाजार, जिला- गिरिडीह (झारखंड)

दीक्षा गुरु :                               आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज

निर्यापक पद प्राप्ति तिथि :      १४-०७-२०१९, आषाढ़ शुक्ल १३, रविवार वि.नि.सं. २५४५ वि.सं.२०७६ श्री दिग.जैन सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर, तहसील खातेगांव जिला देवास (म.प्र.)

निर्यापक पद प्रदाता :               बा.ब्र. संघनायक आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज

 विशेष :                                  क्षुल्लक अवस्था एवं एलक अवस्था में आपका नाम परमसागर जी महाराज था। मुनि दीक्षा के बाद आपका नाम मुनि श्री सुधासागर जी हो गया । आपने अनेक                                                              पंचकल्याणक, मंदिरों का जीर्णाेद्धार, मंदिर शिलान्यास, वेदी प्रतिष्ठा, श्रावक संस्कार शिविर, गौशाला आदि कार्य में मार्गदर्शन, प्रेरणा, सानिध्य प्रदान किया है |                                                          आपकी प्रवचन शैली सभी को लाभकारी होती है आपके मार्गदर्शन में बहुत से ग्रंथो का प्रकाशन हुआ हैं |

वर्तमान में संघस्थ :                 संघ प्रमुख

Tags: Muni
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