| पूर्व का नाम | बा.ब्र. रोहित भैया जी जैन (काला) |
| पिता का नाम | श्री अशोक जी जैन (काला) |
| माता का नाम | श्रीमाती आशा देवी जी जैन (काला) |
| भाई – बहिन के नाम | (१)श्री मौनिक (२) आपका क्रम |
| (जन्म के क्रम से ) | (३) श्री मोहित |
| जन्म दिनांक/तिथि/ | २५-०९-१९७६ शनिवार (भाद्र शुक्ल) वी.सं. २०३३ जयपुर (राजस्थान) |
| शिक्षा (लाैकिक/ धार्मिक) | एम.कॉम. एन.डी.डी. वाय.एन.सी.सी. |
| ब्रह्मचर्य व्रत दिनांक / | २८-०२-२००२ गुरुवार, बंडा (म.प्र.) |
| प्रतिमा | तीन प्रतिमा २००५ सप्तम प्रतिमा सन् २००८ (सिलवानी) म.प्र. |
| मुनि दीक्षा दिनांक / | ३१-०७-२०१५, शुक्रवार, द्वितीय आषाढ़ शुक्ल १५ (गुरुपूर्णिमा) वी.सं. २०७२ |
| दिन / तिथि / स्थान | श्री दिग. जैन अतिशय क्षेत्र बीना बारहा तह. देवरी जिला सागर (म.प्र.) |
| दीक्षा गुरु | आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज |
| विशेष | आपकी सीधी मुनि दीक्षा हुई | मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज के संघस्थ रहते हुए कई कृतियों का संपादन, ध्यान शिविर, विधान आदि प्रभावक कार्य किए है फिर सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर मे रहें इसके पूर्व मे भाग्योदय तीर्थ मे भी सेवा के कार्य किये है| (केशलोंच का नियम २००६ सिलवानी से, गृह का त्याग १६-११-२००१ से| आपके सानिध्य मे अनेक पंचकल्याणक, विधान, मंदिर शिलान्यास, वेदी प्रतिष्ठा आदि प्रभावक कार्य संपन्न हुए| |
| वर्तमान में संघस्थ | प.पू. निर्यापक मुनि श्री १०८ दुर्लभसागर जी महाराज |
