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रत्नकरंड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी

February 23, 2023जैनधर्म प्रश्नोत्तरीjambudweep
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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-1


प्रश्न – सम्यग्दर्शन किन -किन गतियों में प्राप्त हो सकता है ?

१- देवगति २- मनुष्य गति
३- चारों गतियों में ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – आचार्य श्री पुष्पदन्त -भूतबलि ने कौन से ग्रन्थ की रचना की ?

१- रत्नकरंड श्रावकाचार २- षटखंडागम
३- धवला ४- महाधवला

प्रश्न – चम्पापुर के सेठ प्रियदत्त और सेठानी अंगवती की पुत्री का क्या नाम था ?

१- अनंगशरा २- अनंतमती
३- अनंतश्री ४- अनंतप्रिया

प्रश्न – सेठ और सेठानी ने किन मुनिराज के पास कौन सा व्रत लिया ?

१- धर्मसेन मुनि के पास दशलक्षण व्रत २- धर्मकीर्ति मुनि के पास ब्रम्हचर्य व्रत
३- धर्मतीर्थ मुनि के पास कर्मनिर्जरा व्रत ४- धर्मरथ मुनि के पास जिनगुण सम्पत्ति व्रत


रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-2


प्रश्न – ज्ञान अन्धकार को दूर करके जिनशासन का महात्म्य फैलाना कौन सा अंग कहलाता है ?

१- प्रभावना अंग २- वात्सल्य अंग ३- स्थितिकरण अंग ४- कोई अंग नहीं कहलाता

प्रश्न – कर्म शत्रुओं को जीतने वाले क्या कहलाते हैं ?

१- ब्रह्मा २- ईश्वर ३- जिन ४- राम

प्रश्न – जिनेन्द्र भगवान के द्वारा दिए गए उपदेश को क्या कहते हैं ?

१- शब्द २- अर्थ ३- जिनवाणी ४- स्वर

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार में कितने श्लोक और कितने परिच्छेद हैं ?

१- १२ – ८ २- १२८ – १०

३- १५० -७ ४- १५०- ६

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार किस अनुयोग का ग्रन्थ है ?

१- प्रथमानुयोग २- करणानुयोग

३- चरणानुयोग ४- द्रव्यानुयोग

प्रश्न- निःशंकित अंग में कौन प्रसिद्ध हुआ ?

१- रेवती रानी २- उद्दायन राजा

३- वारिषेण ४- अंजन चोर

प्रश्न – निःकांक्षित अंग और निर्विचिकित्सा अंग में कौन प्रसिद्ध हुआ ?

१- रेवती रानी और वारिशेण मुनि

२- अनंतमती और उद्दायन राजा

३- रेवती रानी और उद्दायन राजा

४- उद्दायन राजा और अनंतमती

प्रश्न – ……………………. में जिनेन्द्रभक्त सेठ प्रसिद्ध हुआ ?

१- निःकांक्षित अंग २- उपगूहन अंग

३- निर्विचिकित्सा अंग ४- अमूढ़दृष्टि अंग

प्रश्न – अमूढ़दृष्टि अंग में किसने प्रसिद्धि प्राप्त की ?

१- पुष्पडाल मुनि ने २- रेवती रानी ने

३- धर्मिला रानी ने ४- वज्रकुमार मुनि ने

प्रश्न – स्थितिकरण अंग में किसकी कथा वर्णित है ?

१- वारिषेण मुनि की २- वज्रकुमार मुनि की

२- पुष्पडाल मुनि की ४- संजय मुनि की

प्रश्न – रक्षाबंधन की कथा किस अंग के अंतर्गत किनके द्वारा प्रसिध्द हुई ?

१- प्रभावना अंग – वारिषेण मुनि

२- वात्सल्य अंग – विष्णुकुमार मुनि

३- वात्सल्य अंग – वज्रकुमार मुनि

४- स्थितिकरण अंग – विष्णुकुमार मुनि

प्रश्न – प्रभावना अंग में कौन प्रसिद्ध हुआ ?

१- ललितांग राजकुमार

२- वज्र्कुमार मुनि

३- विष्णु कुमार मुनि

४- अनंतमती रानी


रत्नकरंड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -3


प्रश्न – जिनेन्द्र भगवान के वचनों पर श्रध्दा नहीं करना कौन सा अंग है ?

१- निःशंकित अंग २- निःकंक्षित अंग

३- वात्सल्य अंग ४- कोई नहीं

प्रश्न – दुःख मिश्रित , पाप के बीज रूप,अंत सहित कर्मों के आधीन सांसारिक सुखों की इच्छा नहीं करना कौन सा अंग कहलाता है ?

१- उपगूहन २- स्थितिकरण ३- निःकांक्षित ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – सम्यग्दर्शन के कितने अंग हैं ?

१- २ २- ८

३- ५ ४- १२

प्रश्न – निर्विचिकित्सा अंग का क्या अर्थ है ?

१- तत्व स्वरूप को जानना २- ग्लानी नहीं करना

३- गलत श्रध्दा करना ४- दोषों को ढकना

प्रश्न – मुनियों का शरीर किससे पवित्र होता है ?

१- रत्नत्रय से २- आभूषण से ३- सुगंधित वस्तुओं से ४- भक्ति से

प्रश्न – धर्मात्माओं के दोषों को छिपाकर उन्हें मोक्षमार्ग में लगाना ………………………. कहलाता है ?

१- वात्सल्य अंग २- उपगूहन अंग ३- धर्म ४- प्रेम

प्रश्न- दो हाथ, दो पैर , नितंब, पीठ , ह्रदय ,…………… ये शरीर के आठ अंग हैं ?

१- मुंह २- गला ३- पेट ४- मस्तक

प्रश्न – सम्यग्दर्शन से अथवा चारित्र से विचलित धर्मात्मा प्राणी को पुनः समझा – बुझाकर धर्म में स्थिर कर देना क्या कहलाता है?

१- भाईचारा २- मैत्री भाव ३- स्थितिकरण अंग ४- प्रभावना अंग

प्रश्न – गाय के बछड़े के समान सहधर्मी के प्रति नेह रखना किसका परिचायक है ?

१- उपगूहन अंग का २- वात्सल्य अंग का ३- प्रभावना अंग का ४- अमूढदृष्टि अंग का

प्रश्न – आचार्य श्री प्रभाचंद्र ने रत्नकरंड श्रावकाचार पर कौन सी टीका लिखी है ?

१- स्याद्वाद चन्द्रिका टीका २- रत्नत्रय चन्द्रिका टीका

३- ज्ञान चन्द्रिका टीका ४- रूप चन्द्रिका टीका


रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-4


प्रश्न – जिनेन्द्रदेव द्वारा कथित वचनों पर दृढ श्रद्धान करना क्या कहलाता है ?

१ – विश्वास २- परीक्षा

३- निःशंकित अंग ४- प्रभावना अंग

प्रश्न – सांसारिक , कर्माधीन ,अंत सहित ,दुःख मिश्रित , पाप के बीज रूप सुखों की …………………… निःकांक्षित अंग कहलाता है ?

१- इच्छा करना २- सामग्री मंगवाना

३- आकांक्षा नहीं करना ४- श्रध्दा करना

 


रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -5


प्रश्न – सम्यग्दर्शन किसे कहते हैं ?

१- मिथ्या देव , शास्त्र ,गुरु पर श्रद्धान करना

२- सच्चे देव , शास्त्र , गुरु पर दृढ श्रद्धान करना

३- इच्छाओं का दमन करना

४- विषयों की आशा नहीं रखना

प्रश्न – स्वाध्याय का अर्थ बताएं ?

१- अपना कल्याण २- जीवन का निर्माण करना

३- जो आत्मा के निकट पहुंचाए ४- पढ़ना

प्रश्न – जो विषयों की आशा से रहित हैं , आरम्भ -परिग्रह से रहित हैं, ज्ञान-ध्यान -तप में अनुरक्त हैं वे क्या कहलाते हैं ?

१- सच्चे देव २- सच्चे शास्त्र ३- सच्चे गुरु ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – पद्मपुराण ग्रन्थ के रचयिता कौन हैं ?

१- जिनसेनाचार्य २- रविषेण आचार्य ३- महासेन ४- कुन्दकुन्दाचार्य


रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -6


प्रश्न – चूल्हा जलाना ,आटा पीसना आदि क्या कहलाता है ?

१- घर के काम २- खाना बनाना

३- पंचसूना ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – अरहंत परमेष्ठी के कितने गुण होते हैं ?

१- ८ २- ४६

३-२८ ४- ३६

प्रश्न – सर्वज्ञ भगवान कितने दोषों से रहित होते हैं ?

१- १२ २- १८

३- १६ ४- १०

प्रश्न – क्या केवली भगवान कवलाहार लेते हैं ?

१- हाँ २- नहीं

३- कभी -कभी ४- इनमें से सब गलत हैं

प्रश्न – मूलाचार में किसका वर्णन है ?

१- श्रावकों की चर्या का २- मुनियों की आचार संहिता -चर्या का

३- करणानुयोग का ४- प्रथमानुयोग का

प्रश्न – जो परम पद में – सर्वोत्कृष्ट पद में स्थित हों वे क्या कहलाते हैं ?

१- परमेष्ठी २- जीव

३- तत्व ४- पदार्थ


रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -7


प्रश्न – सम्यग्दर्शन के कितने अंग हैं ?

१- ५ २- ८

३- २ ४- १६

प्रश्न – जो वीतरागी , सर्वज्ञ और हितोपदेशी होते हैं वे क्या कहलाते हैं ?

१- आगम २- आप्त

३- गुरु ४- आचार्य

प्रश्न – मद कितने होते हैं ?

१- ५ २- २

३- ८ ४- १२

प्रश्न – सच्चे आप्त कौन होते हैं

१- आचार्य २- उपाध्याय

३- साधु ४- अरिहंत भगवान

प्रश्न – जैनागम कितने अनुयोग रूप में निबद्ध है ?

१- २ २- ५

३- ४ ४- ८

प्रश्न – जिसमें महापुरुषों के चरित्र का वर्णन हो वह कौन सा अनुयोग है ?

१- प्रथमानुयोग २- करणानुयोग

३- चरणानुयोग ४- द्रव्यानुयोग

प्रश्न- मूढ़ता कितने प्रकार की होती है ?

१- ३ २- ५

३- ७ ४- ९

प्रश्न – अनायातन कितने माने हैं ?

१- ५ २- ६

३- ९ ४- २

प्रश्न – मोक्षमहल की प्रथम सीढ़ी क्या है ?

१- दर्शन २- ज्ञान

३- सम्यग्दर्शन ४- सम्यग्ज्ञान

प्रश्न – तीनों लोकों ,तीनों कालों की क्षण -क्षण की पर्याय को जानने वाले कौन होते हैं ?

१- ब्रम्हा २- गुरु

३- चक्रवर्ती ४- सर्वज्ञ भगवान


जैनधर्म प्रश्नोत्तरी -8


प्रश्न – जैन किसे कहते हैं ?

उत्तर – जो कर्मों के विजेता हैं , उपासक हैं और उनके बतलाए गए मार्ग व सिद्धांतों पर चलते हैं उन्हें जैन कहते हैं |

प्रश्न – जैनधर्म का मूलमन्त्र कौन सा है ?

उत्तर – जैनधर्म का मूलमंत्र णमोकार मन्त्र है | वह इस प्रकार है – णमो अरिहंताणं , णमो सिध्दाणं , णमो आइरियाणं , णमो उवज्झायाणं , णमो लोए सव्वसाहूणं |

प्रश्न – णमोकार मन्त्र किस भाषा में बना है और उसे किसने बनाया है ?

उत्तर – णमोकार मन्त्र प्राकृत भाषा में बना है और उसे किसी ने नहीं बनाया है , वह अनादिनिधन मन्त्र है जो अनादिकाल से चला आ रहा है |

प्रश्न – णमोकार महामंत्र में किसे नमस्कार किया गया है ?

उत्तर- णमोकार महामंत्र में पाँचों परमेष्ठियों को नमस्कार किया गया है |

प्रश्न – पाँचों परमेष्ठियों के नाम बताइये ?

उत्तर – पाँचों परमेष्ठियों के नाम क्रमशः इस प्रकार हैं – अरिहंत, सिद्ध , आचार्य , उपाध्याय , साधु |


रत्नकरंड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -9


प्रश्न – माता के पक्ष को क्या कहते हैं ?

१- जाति २- ननिहाल

३- कुल ४- खानदान

प्रश्न – उत्तम सुख क्या है ?

१- धन,संपत्ति होना २- भौतिक साधन का होना

३- मोक्ष की प्राप्ति ४- चक्रवर्ती पद की प्राप्ति

प्रश्न – सम्यक्दर्शन , सम्यक्ज्ञान और सम्यक्चारित्र इन तीनों की एकता क्या कहलाती है ?

१- भाईचारा २- मोक्षमार्ग

३- मिथ्यात्व ४- भवपद्धति

प्रश्न – संसार परम्परा कब से है?

१- सतयुग से २- कलियुग से

३- अनादिकाल से ४- भगवान ऋषभदेव के समय से

प्रश्न – जैनागम में अनुयोग कितने प्रकार के बताए गए हैं ?

१- पाँच २- तीन

३- चार ४- एक


रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -10


प्रश्न – रत्नकरंड श्रावकाचार का अर्थ बताओ ?

१- हीरे की खदान २- श्रावकों की चर्या को बताने वाला रत्नों का पिटारा

३- सबकी रक्षा करने वाला ४- साधु की चर्या को बताने वाला रत्नपिटारा

प्रश्न – करुणा , निःस्वार्थ भाव से दुःख से छुड़ाने वाले कौन होते हैं ?

१- पति २- पुत्र – पुत्री

३- गुरु ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न- संसार दुःख में डूबे प्राणी को हाथ का अवलंबन देकर भवदुःख से निकालकर उत्तम सुख में पहुंचा दे वह क्या है ?

१- नौका २- धर्म

३- माता-पिता ४- सद्दृष्टि

प्रश्न – मिथ्यादर्शन , मिथ्याज्ञान , मिथ्याचारित्र किसके कारण हैं ?

१- मोक्ष के २- संसार के

३- धर्म के ४- सुख के

प्रश्न – पिता के पक्ष को क्या कहते हैं?

१- कुल २- जाति

३- धर्म ४- इनमें से कोई नहीं


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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -11


प्रश्न -रत्नकरण्ड श्रावकाचार ग्रन्थ की रचना किसने की ?

१ – आचार्य भद्रबाहु २ – आचार्य उमास्वामी

३- आचार्य समंतभद्र ४- गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार की प्रथम अध्याय में किसका कथन है ?

१- मिथ्यादर्शन २- सम्यग्दर्शन

३- अणुव्रतों का ४- सम्यग्ज्ञान

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार के मंगलाचरण में किनको नमस्कार किया गया है ?

१- आदिनाथ भगवान को २- सिद्ध भगवान को

३- महावीर भगवान को ४- अरिहंत भगवान को

प्रश्न – मूल में कर्म कितने हैं ?

१- ५ २- १०८

३- ८ ४- १२

प्रश्न – स्वयम्भू स्तोत्र के माध्यम से कौन से भगवान की स्तुति की रचना करते -करते शिवपिंडी से प्रतिमा प्रकट हुई ?

१- शीतलनाथ २- पार्श्वनाथ

३- आदिनाथ ४- चन्द्रप्रभु


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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-12


प्रश्न – विजयपुर के राजा अरिमथन के पुत्र का क्या नाम था ?

१ – निरंजन २- जीवन्धर ३- ललितांग ४- वज्रनाभि

प्रश्न – ललितांग किस नाम से प्रसिद्ध हुआ ?

१- विजय सेठ २- ललित चोर

३- अंजन चोर ४- जिनदत्त सेठ

प्रश्न – राजकुमार ललितांग के कितने भाई- बहन थे ?

१- ३ भाई ४ बहन २- मात्र एक भाई था

३- मात्र एक बहन थी ४- अकेला था

प्रश्न – ललितांग चोर कैसे बना ?

१- धन के कारण २- व्यसन के कारण

२- राजपुत्र होने के कारण ४- प्रेम के कारण

प्रश्न – अंजन चोर ने कौन सी विद्या सिध्द की ?

१- रूपिणी विद्या २- बहुरूपिणी विद्या

३- अन्जनगुटिका विद्या ४- जलचारिणी विद्या

प्रश्न – अंजनगुटिका विद्या का क्या कार्य था ?

१- अनेक रूप बनाना

२- अदृश्य होना

३- बलवान होना

४- जल पर चलना

प्रश्न- श्मशान में वटवृक्ष में सौ सीकों के एक छीके पर अंजन चोर ने किसको बैठे देखा ?

१- राजा को २- सेठ को ३- माली को ४- नगरदेवता को

प्रश्न – श्मशान में अंजन ने किसके कहने पर कौन सी विद्या सिद्ध की ?

१- राजा के कहने पर अंजनगुटिका विद्या

२- सेठ के कहने पर आकाशगामी विद्या

३- माली के कहने पर बहुरूपिणी विद्या

४- राजा के कहने पर आकाशगामिनी विद्या

प्रश्न – वह विद्या उसने किस मन्त्र के श्रद्धान से सिद्ध की ?

१- गायत्री मन्त्र २- णमोकार मन्त्र

३- सूरी मन्त्र ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – विद्या सिद्ध होते ही क्या चमत्कार हुआ ?

१- खूब सारी संपत्ति मिली

२- राज्यसम्पदा मिली

३- देव ने विमान में बिठा लिया

४- देव ने पुष्पवृष्टि की

प्रश्न – अंजन चोर ने विद्या देवता से आज्ञा मांगने पर क्या कहा ?

१- मुझे मेरे महल में पहुंचा दो

२- मुझे मेरे माता – पिता से मिला दो

३- मुझे जिनदत्त सेठ के पास पहुंचा दो

४- मुझे स्वर्ग की सैर करा दो

प्रश्न – विद्यादेवता ने उसे कहाँ पहुंचा दिया ?

१- महल में २- माता – पिता के पास

३- सुमेरू पर्वत पर ४- धातकी खंड में

प्रश्न- अंजन चोर ने कहाँ और किनसे दीक्षा ग्रहण की ?

१- उद्यान में मुनिराज से

२- सुमेरू पर्वत पर देवर्षि मुनिराज से

३- सुमेरु पर्वत पर जिनदत्त सेठ से

४- धातकी खंड में भगवान के समवशरण में

प्रश्न – तपश्चर्या के बल से अंजन मुनि को कौन सी रिद्धि प्राप्त हुई ?

१- जलचारण रिद्धि २- चारण रिद्धि

३- आकाशगामी रिद्धि ४- तंतुचारण रिद्धि

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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-1


प्रश्न – सम्यग्दर्शन किन -किन गतियों में प्राप्त हो सकता है ?

१- देवगति २- मनुष्य गति
३- चारों गतियों में ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – आचार्य श्री पुष्पदन्त -भूतबलि ने कौन से ग्रन्थ की रचना की ?

१- रत्नकरंड श्रावकाचार २- षटखंडागम
३- धवला ४- महाधवला

प्रश्न – चम्पापुर के सेठ प्रियदत्त और सेठानी अंगवती की पुत्री का क्या नाम था ?

१- अनंगशरा २- अनंतमती
३- अनंतश्री ४- अनंतप्रिया

प्रश्न – सेठ और सेठानी ने किन मुनिराज के पास कौन सा व्रत लिया ?

१- धर्मसेन मुनि के पास दशलक्षण व्रत २- धर्मकीर्ति मुनि के पास ब्रम्हचर्य व्रत
३- धर्मतीर्थ मुनि के पास कर्मनिर्जरा व्रत ४- धर्मरथ मुनि के पास जिनगुण सम्पत्ति व्रत

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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-2


प्रश्न – ज्ञान अन्धकार को दूर करके जिनशासन का महात्म्य फैलाना कौन सा अंग कहलाता है ?

१- प्रभावना अंग २- वात्सल्य अंग ३- स्थितिकरण अंग ४- कोई अंग नहीं कहलाता

प्रश्न – कर्म शत्रुओं को जीतने वाले क्या कहलाते हैं ?

१- ब्रह्मा २- ईश्वर ३- जिन ४- राम

प्रश्न – जिनेन्द्र भगवान के द्वारा दिए गए उपदेश को क्या कहते हैं ?

१- शब्द २- अर्थ ३- जिनवाणी ४- स्वर

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार में कितने श्लोक और कितने परिच्छेद हैं ?

१- १२ – ८ २- १२८ – १०

३- १५० -७ ४- १५०- ६

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार किस अनुयोग का ग्रन्थ है ?

१- प्रथमानुयोग २- करणानुयोग

३- चरणानुयोग ४- द्रव्यानुयोग

प्रश्न- निःशंकित अंग में कौन प्रसिद्ध हुआ ?

१- रेवती रानी २- उद्दायन राजा

३- वारिषेण ४- अंजन चोर

प्रश्न – निःकांक्षित अंग और निर्विचिकित्सा अंग में कौन प्रसिद्ध हुआ ?

१- रेवती रानी और वारिशेण मुनि

२- अनंतमती और उद्दायन राजा

३- रेवती रानी और उद्दायन राजा

४- उद्दायन राजा और अनंतमती

प्रश्न – ……………………. में जिनेन्द्रभक्त सेठ प्रसिद्ध हुआ ?

१- निःकांक्षित अंग २- उपगूहन अंग

३- निर्विचिकित्सा अंग ४- अमूढ़दृष्टि अंग

प्रश्न – अमूढ़दृष्टि अंग में किसने प्रसिद्धि प्राप्त की ?

१- पुष्पडाल मुनि ने २- रेवती रानी ने

३- धर्मिला रानी ने ४- वज्रकुमार मुनि ने

प्रश्न – स्थितिकरण अंग में किसकी कथा वर्णित है ?

१- वारिषेण मुनि की २- वज्रकुमार मुनि की

२- पुष्पडाल मुनि की ४- संजय मुनि की

प्रश्न – रक्षाबंधन की कथा किस अंग के अंतर्गत किनके द्वारा प्रसिध्द हुई ?

१- प्रभावना अंग – वारिषेण मुनि

२- वात्सल्य अंग – विष्णुकुमार मुनि

३- वात्सल्य अंग – वज्रकुमार मुनि

४- स्थितिकरण अंग – विष्णुकुमार मुनि

प्रश्न – प्रभावना अंग में कौन प्रसिद्ध हुआ ?

१- ललितांग राजकुमार

२- वज्र्कुमार मुनि

३- विष्णु कुमार मुनि

४- अनंतमती रानी

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रत्नकरंड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -3


प्रश्न – जिनेन्द्र भगवान के वचनों पर श्रध्दा नहीं करना कौन सा अंग है ?

१- निःशंकित अंग २- निःकंक्षित अंग

३- वात्सल्य अंग ४- कोई नहीं

प्रश्न – दुःख मिश्रित , पाप के बीज रूप,अंत सहित कर्मों के आधीन सांसारिक सुखों की इच्छा नहीं करना कौन सा अंग कहलाता है ?

१- उपगूहन २- स्थितिकरण ३- निःकांक्षित ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – सम्यग्दर्शन के कितने अंग हैं ?

१- २ २- ८

३- ५ ४- १२

प्रश्न – निर्विचिकित्सा अंग का क्या अर्थ है ?

१- तत्व स्वरूप को जानना २- ग्लानी नहीं करना

३- गलत श्रध्दा करना ४- दोषों को ढकना

प्रश्न – मुनियों का शरीर किससे पवित्र होता है ?

१- रत्नत्रय से २- आभूषण से ३- सुगंधित वस्तुओं से ४- भक्ति से

प्रश्न – धर्मात्माओं के दोषों को छिपाकर उन्हें मोक्षमार्ग में लगाना ………………………. कहलाता है ?

१- वात्सल्य अंग २- उपगूहन अंग ३- धर्म ४- प्रेम

प्रश्न- दो हाथ, दो पैर , नितंब, पीठ , ह्रदय ,…………… ये शरीर के आठ अंग हैं ?

१- मुंह २- गला ३- पेट ४- मस्तक

प्रश्न – सम्यग्दर्शन से अथवा चारित्र से विचलित धर्मात्मा प्राणी को पुनः समझा – बुझाकर धर्म में स्थिर कर देना क्या कहलाता है?

१- भाईचारा २- मैत्री भाव ३- स्थितिकरण अंग ४- प्रभावना अंग

प्रश्न – गाय के बछड़े के समान सहधर्मी के प्रति नेह रखना किसका परिचायक है ?

१- उपगूहन अंग का २- वात्सल्य अंग का ३- प्रभावना अंग का ४- अमूढदृष्टि अंग का

प्रश्न – आचार्य श्री प्रभाचंद्र ने रत्नकरंड श्रावकाचार पर कौन सी टीका लिखी है ?

१- स्याद्वाद चन्द्रिका टीका २- रत्नत्रय चन्द्रिका टीका

३- ज्ञान चन्द्रिका टीका ४- रूप चन्द्रिका टीका

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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-4


प्रश्न – जिनेन्द्रदेव द्वारा कथित वचनों पर दृढ श्रद्धान करना क्या कहलाता है ?

१ – विश्वास २- परीक्षा

३- निःशंकित अंग ४- प्रभावना अंग

प्रश्न – सांसारिक , कर्माधीन ,अंत सहित ,दुःख मिश्रित , पाप के बीज रूप सुखों की …………………… निःकांक्षित अंग कहलाता है ?

१- इच्छा करना २- सामग्री मंगवाना

३- आकांक्षा नहीं करना ४- श्रध्दा करना

 

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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -5


प्रश्न – सम्यग्दर्शन किसे कहते हैं ?

१- मिथ्या देव , शास्त्र ,गुरु पर श्रद्धान करना

२- सच्चे देव , शास्त्र , गुरु पर दृढ श्रद्धान करना

३- इच्छाओं का दमन करना

४- विषयों की आशा नहीं रखना

प्रश्न – स्वाध्याय का अर्थ बताएं ?

१- अपना कल्याण २- जीवन का निर्माण करना

३- जो आत्मा के निकट पहुंचाए ४- पढ़ना

प्रश्न – जो विषयों की आशा से रहित हैं , आरम्भ -परिग्रह से रहित हैं, ज्ञान-ध्यान -तप में अनुरक्त हैं वे क्या कहलाते हैं ?

१- सच्चे देव २- सच्चे शास्त्र ३- सच्चे गुरु ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – पद्मपुराण ग्रन्थ के रचयिता कौन हैं ?

१- जिनसेनाचार्य २- रविषेण आचार्य ३- महासेन ४- कुन्दकुन्दाचार्य

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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -6


प्रश्न – चूल्हा जलाना ,आटा पीसना आदि क्या कहलाता है ?

१- घर के काम २- खाना बनाना

३- पंचसूना ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – अरहंत परमेष्ठी के कितने गुण होते हैं ?

१- ८ २- ४६

३-२८ ४- ३६

प्रश्न – सर्वज्ञ भगवान कितने दोषों से रहित होते हैं ?

१- १२ २- १८

३- १६ ४- १०

प्रश्न – क्या केवली भगवान कवलाहार लेते हैं ?

१- हाँ २- नहीं

३- कभी -कभी ४- इनमें से सब गलत हैं

प्रश्न – मूलाचार में किसका वर्णन है ?

१- श्रावकों की चर्या का २- मुनियों की आचार संहिता -चर्या का

३- करणानुयोग का ४- प्रथमानुयोग का

प्रश्न – जो परम पद में – सर्वोत्कृष्ट पद में स्थित हों वे क्या कहलाते हैं ?

१- परमेष्ठी २- जीव

३- तत्व ४- पदार्थ

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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -7


प्रश्न – सम्यग्दर्शन के कितने अंग हैं ?

१- ५ २- ८

३- २ ४- १६

प्रश्न – जो वीतरागी , सर्वज्ञ और हितोपदेशी होते हैं वे क्या कहलाते हैं ?

१- आगम २- आप्त

३- गुरु ४- आचार्य

प्रश्न – मद कितने होते हैं ?

१- ५ २- २

३- ८ ४- १२

प्रश्न – सच्चे आप्त कौन होते हैं

१- आचार्य २- उपाध्याय

३- साधु ४- अरिहंत भगवान

प्रश्न – जैनागम कितने अनुयोग रूप में निबद्ध है ?

१- २ २- ५

३- ४ ४- ८

प्रश्न – जिसमें महापुरुषों के चरित्र का वर्णन हो वह कौन सा अनुयोग है ?

१- प्रथमानुयोग २- करणानुयोग

३- चरणानुयोग ४- द्रव्यानुयोग

प्रश्न- मूढ़ता कितने प्रकार की होती है ?

१- ३ २- ५

३- ७ ४- ९

प्रश्न – अनायातन कितने माने हैं ?

१- ५ २- ६

३- ९ ४- २

प्रश्न – मोक्षमहल की प्रथम सीढ़ी क्या है ?

१- दर्शन २- ज्ञान

३- सम्यग्दर्शन ४- सम्यग्ज्ञान

प्रश्न – तीनों लोकों ,तीनों कालों की क्षण -क्षण की पर्याय को जानने वाले कौन होते हैं ?

१- ब्रम्हा २- गुरु

३- चक्रवर्ती ४- सर्वज्ञ भगवान

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जैनधर्म प्रश्नोत्तरी -8


प्रश्न – जैन किसे कहते हैं ?

उत्तर – जो कर्मों के विजेता हैं , उपासक हैं और उनके बतलाए गए मार्ग व सिद्धांतों पर चलते हैं उन्हें जैन कहते हैं |

प्रश्न – जैनधर्म का मूलमन्त्र कौन सा है ?

उत्तर – जैनधर्म का मूलमंत्र णमोकार मन्त्र है | वह इस प्रकार है – णमो अरिहंताणं , णमो सिध्दाणं , णमो आइरियाणं , णमो उवज्झायाणं , णमो लोए सव्वसाहूणं |

प्रश्न – णमोकार मन्त्र किस भाषा में बना है और उसे किसने बनाया है ?

उत्तर – णमोकार मन्त्र प्राकृत भाषा में बना है और उसे किसी ने नहीं बनाया है , वह अनादिनिधन मन्त्र है जो अनादिकाल से चला आ रहा है |

प्रश्न – णमोकार महामंत्र में किसे नमस्कार किया गया है ?

उत्तर- णमोकार महामंत्र में पाँचों परमेष्ठियों को नमस्कार किया गया है |

प्रश्न – पाँचों परमेष्ठियों के नाम बताइये ?

उत्तर – पाँचों परमेष्ठियों के नाम क्रमशः इस प्रकार हैं – अरिहंत, सिद्ध , आचार्य , उपाध्याय , साधु |

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रत्नकरंड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -9


प्रश्न – माता के पक्ष को क्या कहते हैं ?

१- जाति २- ननिहाल

३- कुल ४- खानदान

प्रश्न – उत्तम सुख क्या है ?

१- धन,संपत्ति होना २- भौतिक साधन का होना

३- मोक्ष की प्राप्ति ४- चक्रवर्ती पद की प्राप्ति

प्रश्न – सम्यक्दर्शन , सम्यक्ज्ञान और सम्यक्चारित्र इन तीनों की एकता क्या कहलाती है ?

१- भाईचारा २- मोक्षमार्ग

३- मिथ्यात्व ४- भवपद्धति

प्रश्न – संसार परम्परा कब से है?

१- सतयुग से २- कलियुग से

३- अनादिकाल से ४- भगवान ऋषभदेव के समय से

प्रश्न – जैनागम में अनुयोग कितने प्रकार के बताए गए हैं ?

१- पाँच २- तीन

३- चार ४- एक

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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -10


प्रश्न – रत्नकरंड श्रावकाचार का अर्थ बताओ ?

१- हीरे की खदान २- श्रावकों की चर्या को बताने वाला रत्नों का पिटारा

३- सबकी रक्षा करने वाला ४- साधु की चर्या को बताने वाला रत्नपिटारा

प्रश्न – करुणा , निःस्वार्थ भाव से दुःख से छुड़ाने वाले कौन होते हैं ?

१- पति २- पुत्र – पुत्री

३- गुरु ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न- संसार दुःख में डूबे प्राणी को हाथ का अवलंबन देकर भवदुःख से निकालकर उत्तम सुख में पहुंचा दे वह क्या है ?

१- नौका २- धर्म

३- माता-पिता ४- सद्दृष्टि

प्रश्न – मिथ्यादर्शन , मिथ्याज्ञान , मिथ्याचारित्र किसके कारण हैं ?

१- मोक्ष के २- संसार के

३- धर्म के ४- सुख के

प्रश्न – पिता के पक्ष को क्या कहते हैं?

१- कुल २- जाति

३- धर्म ४- इनमें से कोई नहीं


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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी -11


प्रश्न -रत्नकरण्ड श्रावकाचार ग्रन्थ की रचना किसने की ?

१ – आचार्य भद्रबाहु २ – आचार्य उमास्वामी

३- आचार्य समंतभद्र ४- गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार की प्रथम अध्याय में किसका कथन है ?

१- मिथ्यादर्शन २- सम्यग्दर्शन

३- अणुव्रतों का ४- सम्यग्ज्ञान

प्रश्न – रत्नकरण्ड श्रावकाचार के मंगलाचरण में किनको नमस्कार किया गया है ?

१- आदिनाथ भगवान को २- सिद्ध भगवान को

३- महावीर भगवान को ४- अरिहंत भगवान को

प्रश्न – मूल में कर्म कितने हैं ?

१- ५ २- १०८

३- ८ ४- १२

प्रश्न – स्वयम्भू स्तोत्र के माध्यम से कौन से भगवान की स्तुति की रचना करते -करते शिवपिंडी से प्रतिमा प्रकट हुई ?

१- शीतलनाथ २- पार्श्वनाथ

३- आदिनाथ ४- चन्द्रप्रभु


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रत्नकरण्ड श्रावकाचार प्रश्नोत्तरी-12


प्रश्न – विजयपुर के राजा अरिमथन के पुत्र का क्या नाम था ?

१ – निरंजन २- जीवन्धर ३- ललितांग ४- वज्रनाभि

प्रश्न – ललितांग किस नाम से प्रसिद्ध हुआ ?

१- विजय सेठ २- ललित चोर

३- अंजन चोर ४- जिनदत्त सेठ

प्रश्न – राजकुमार ललितांग के कितने भाई- बहन थे ?

१- ३ भाई ४ बहन २- मात्र एक भाई था

३- मात्र एक बहन थी ४- अकेला था

प्रश्न – ललितांग चोर कैसे बना ?

१- धन के कारण २- व्यसन के कारण

२- राजपुत्र होने के कारण ४- प्रेम के कारण

प्रश्न – अंजन चोर ने कौन सी विद्या सिध्द की ?

१- रूपिणी विद्या २- बहुरूपिणी विद्या

३- अन्जनगुटिका विद्या ४- जलचारिणी विद्या

प्रश्न – अंजनगुटिका विद्या का क्या कार्य था ?

१- अनेक रूप बनाना

२- अदृश्य होना

३- बलवान होना

४- जल पर चलना

प्रश्न- श्मशान में वटवृक्ष में सौ सीकों के एक छीके पर अंजन चोर ने किसको बैठे देखा ?

१- राजा को २- सेठ को ३- माली को ४- नगरदेवता को

प्रश्न – श्मशान में अंजन ने किसके कहने पर कौन सी विद्या सिद्ध की ?

१- राजा के कहने पर अंजनगुटिका विद्या

२- सेठ के कहने पर आकाशगामी विद्या

३- माली के कहने पर बहुरूपिणी विद्या

४- राजा के कहने पर आकाशगामिनी विद्या

प्रश्न – वह विद्या उसने किस मन्त्र के श्रद्धान से सिद्ध की ?

१- गायत्री मन्त्र २- णमोकार मन्त्र

३- सूरी मन्त्र ४- इनमें से कोई नहीं

प्रश्न – विद्या सिद्ध होते ही क्या चमत्कार हुआ ?

१- खूब सारी संपत्ति मिली

२- राज्यसम्पदा मिली

३- देव ने विमान में बिठा लिया

४- देव ने पुष्पवृष्टि की

प्रश्न – अंजन चोर ने विद्या देवता से आज्ञा मांगने पर क्या कहा ?

१- मुझे मेरे महल में पहुंचा दो

२- मुझे मेरे माता – पिता से मिला दो

३- मुझे जिनदत्त सेठ के पास पहुंचा दो

४- मुझे स्वर्ग की सैर करा दो

प्रश्न – विद्यादेवता ने उसे कहाँ पहुंचा दिया ?

१- महल में २- माता – पिता के पास

३- सुमेरू पर्वत पर ४- धातकी खंड में

प्रश्न- अंजन चोर ने कहाँ और किनसे दीक्षा ग्रहण की ?

१- उद्यान में मुनिराज से

२- सुमेरू पर्वत पर देवर्षि मुनिराज से

३- सुमेरु पर्वत पर जिनदत्त सेठ से

४- धातकी खंड में भगवान के समवशरण में

प्रश्न – तपश्चर्या के बल से अंजन मुनि को कौन सी रिद्धि प्राप्त हुई ?

१- जलचारण रिद्धि २- चारण रिद्धि

३- आकाशगामी रिद्धि ४- तंतुचारण रिद्धि

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