Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

अखबार व टी.वी. चैनल भी आए

June 19, 2022ऋषभगिरि मांगीतुंगीSurbhi Jain

लगातार दो महीनों तक अखबारों व टी.वी. चैनल्स की सुर्खियों में रहा महोत्सव

१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा का अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव तथा अखण्ड पाषाण में विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा का निर्माण जन-जन के लिए गौरव, उत्साह एवं आश्चर्य का विषय रहा। यह कार्य महोत्सव के पूर्व से ही दैनिक अखबारों व टी.वी. चैनल्स की सुर्खियों में छाया रहा और विशेषरूप से जनवरी-फरवरी-मार्च २०१६ माह में १०८ फुट विशाल भगवान ऋषभदेव प्रतिमा के साथ ही सम्पन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव की गौरवगाथा सारे देश में एवं विशेषरूप से नासिक जिले के मीडिया में खूब प्रकाशित एवं प्रसारित हुर्इं। अत: इस महान प्रभावना के लिए महोत्सव समिति प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रति अत्यन्त आभार प्रगट करती है।

विशेषरूप से सर्वप्रथम हम सूचना प्रसारण मंत्रालय-मुम्बई के उपसंचालक श्री शिवाजी मानकर जी के साथ नासिक जिले के जिल्हा माहिती अधिकारी श्री किरण मोघे एवं श्रीमान वाघ साहब का अभिवादन करते हैं, जिन्होंने समूचे मीडिया जगत में इस महोत्सव की ख्याति को दिग्दिगन्तव्यापी बनाने का उत्तम प्रयास किया।

साथ ही हम विभिन्न अखबारों के सम्पादकों एवं टी.वी. चैनल्स के ब्यूरो चीफ, रिपोर्टर आदि के प्रति भी धन्यवाद एवं आभार प्रगट करते हैं, जिनके माध्यम से यह महोत्सव जन-जन के लिए आकर्षण का केन्द्र बना। इस शृँखला में टाइम्स ऑफ इण्डिया, लोकमत, दिव्यमराठी, सकाळ, महाराष्ट्र टाइम्स, गांवकरी दैनिक, दैनिक भ्रमर, पुण्यनगरी, पुढारी, देशदूत, आज का आनंद अखबार तथा टी.वी. चैनल्स में आज तक, न्यूज नेशन, दूरदर्शन, सह्याद्रि चैनल, जी टी.वी. (२४ तास), ए.बी.पी. (माझा), एन.डी.सी. (न्यूज), साम टी.वी. आदि के द्वारा जन-जन में की गई प्रभावना साधुवाद की पात्र रही। अत: इन सभी अखबार एवं टी.वी. चैनल्स के समस्त पदाधिकारियों के प्रति समिति की ओर से हम विनम्र धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित करते हुए आगे भी इसी प्रकार धर्मकार्यों की प्रभावना में सहयोग की अपेक्षा करते हैं।

महोत्सव के मध्य पारस चैनल को मिली विश्व में सबसे ज्यादा टी.आर.पी.

‘‘अनुमानित १५ करोड़ जनता ने देखा महोत्सव’’

अखण्ड पाषाण में निर्मित १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा के अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का असर सारे देश-विदेश में इतना अधिक रहा कि देखने वाले दर्शकों की संख्या सारे विश्व के सभी धार्मिक/ आध्यात्मिक चैनलों में सर्वाधिक पारस चैनल को प्राप्त हुई। महोत्सव के दौरान पारस चैनल की टी.आर.पी. २ करोड़ ९० लाख की आँकी गई, जो सारे विश्व के धार्मिक चैनलों में सबसे अधिक टी.आर.पी. (टेलीविजन रेटिंग प्वाइन्ट) मानी गई।

जब पारस चैनल के डायरेक्टर श्री प्रकाश मोदी-रायपुर का आगमन दिनाँक २८ फरवरी को ऋषभगिरि, मांगीतुंगी में हुआ, तो उन्होंने अपने मुक्त कंठ से कहा कि ‘‘पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी और १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा का महोत्सव ‘‘अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त’’ हो गया है क्योंकि पारस चैनल की टी.आर.पी. इस महोत्सव के मध्य सारे विश्व के धार्मिक चैनलों में सर्वाधिक प्राप्त हुई है’’। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव को सारे देश-विदेश में २ करोड़ ९० लाख टी.वी. पर देखा गया है। अर्थात् यदि एक टी.वी. पर कार्यक्रम देखने वालों की संख्या औसतन ५ व्यक्ति मानी जाये, तो इस महोत्सव को लगभग १५ करोड़ जनता ने घर पर बैठकर देखा और पुण्य अर्जित किया है। ऐसा अवसर धार्मिक चैनलों के इतिहास में अत्यन्त कठिनाईयों के साथ प्राप्त होता है। टी.वी. पर धार्मिक चित्रण देखने का ऐसा उदाहरण रामायण सीरियल के प्रसारण समय में ज्ञात होता था, लेकिन जब टी.आर.पी. की इतनी अधिक दर पारस चैनल पर १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा को प्राप्त हुई, तो निश्चित ही यह जैन समाज व जैनधर्म के लिए महान गौरव और रिकार्ड की बात है।

हम सभी को विशेष ज्ञातव्य होना चाहिए कि अल्पसंख्यक जैन समाज की आबादी लगभग १ करोड़ की मानी जाती है अत: ऐसी स्थिति में ११ फरवरी से ६ मार्च २०१६ के मध्य सम्पन्न हुए १०८ फुट भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव को देखने वालों की संख्या यदि १५ करोड़ के लगभग है, तो जैनधर्म की प्रभावना निश्चित ही सम्पूर्ण विश्व में अर्थात् जैनेतर समाज में भी अत्यधिक हुई है। यह निश्चित ही जैनधर्म के लिए इतिहास का स्वर्णिम महोत्सव माना जायेगा, जिसे शासन-प्रशासन और भारत की सम्पूर्ण जनता ने एकटक सराहा है।

Tags: Mangitungi festival 2016
Previous post भट्टारको का  मंगल पदार्पण एवं पादपूजा Next post कॉफी टेबल बुक का विमोचन

Related Articles

संत भवन का निर्माण

June 19, 2022Surbhi Jain

आचार्य श्री वज्रसेन महाराज

June 22, 2022Surbhi Jain

महाराष्ट्र शासन का सहयोग

June 24, 2022Surbhi Jain
Privacy Policy