(१) पूज्यश्री का नाम – मुनि श्री विश्ववृष्टा सागर जी महाराज
(२) जन्मस्थान – पिपरिया साहनी (बांदकपुर) दमोह
(३) जन्मतिथि व दिनाँक – र्काितक सुदी ६ सं. १९९६ सुबह ४ बजे
(४) जाति – जैन
(५) गोत्र – गिलड़िम मूरी बाझल्य
(६) (A) माता का नाम श्रीमति वीनाबाई
(B) पिता का नाम ‘श्री दीपचंद जैन
(७) लौकिक शिक्षा – ७ वीं कक्षा पास
(८) आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – वैराग्य ब्रह्मचर्य व्रत २००२ श्रेयांस गिरी चौथी प्रतिमा कुण्डलपुर आचार्य श्री विरागसागर जी महाराज द्वारा – आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
(९) क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान –८ जून, स. २००३ क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा गुरु –श्री विरागसागर जी महाराज
(१०) ऐलक दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – श्रुत पंचमी २००४, नागपुर, (महा.)
ऐलक दीक्षा गुरु – आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज
(११) मुनि दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – १३ फरवरी, २००६ गोम्टेस बाहुबली मन्दिर
मुनि दीक्षा गुरु – आचार्य श्री उपसर्ग विजेता विराग सागर जी महाराज
(१२)साहित्यिक कृतित्व -. आत्म चितवन प्रथामानुयोग
(१३)शिष्यों की संख्या –
आचार्य की संख्या-
उपाध्याय की संख्या-
मुनि की संख्या-
गणिनी की संख्या-
आर्यिका की संख्या-
ऐलक की संख्या-
क्षुल्लक की संख्या-.
क्षुल्लिका की संख्या-
ब्रह्मचारी भाई की संख्या-
ब्रह्मचारिणी बहनें की संख्या-
अन्य संख्या-