[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्रसोपचय –Visrasopachaya. Natural Karmic attendants; natural aggregation of karmic molecules capable of binding with soul. वे कर्म व नोकर्म के परमाणु जो जीव के प्रदेशों में एक क्षेत्रावगाही हैं ” परन्तु जीव के साथ के साथ बंध को प्राप्त नहीं हैं अर्थात् ये कर्म नोकर्म रूप होने के योग्य हैं, वर्तमान में पुद्द्ग्ल रूप हैं “