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शिक्षा :!

November 21, 2017शब्दकोषjambudweep
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शिक्षा :== विपत्तिरविनीतस्य, संपत्तिर्विनीतस्य च। यस्यैतद् द्विधा ज्ञातं, शिक्षां स: अधिगच्छति।।

—समणसुत्त : १७०

अविनयी के ज्ञान आदि गुण नष्ट हो जाते हैं, यह उनकी विपत्ति है और विनयी को ज्ञान आदि गुणों की सम्प्राप्ति होती है (यह उसकी सम्पत्ति है)। इन दोनों बातों को जानने वाला ही (ग्रहण और आसेवनरूप) सच्ची शिक्षा प्राप्त करता है।

Tags: सूक्तियां
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