Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

समवायांग!

November 21, 2017शब्दकोषjambudweep
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समवायांग – Samavaayaanga. The 4th part in all 12 parts of Shrut (early canons). द्वादषंग श्रुत का चैथा अंगः इसमे द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव की अपेक्षा समानता का कथन है अर्थात् जिसमे पदार्थों की समानता के आघार पर समवाय का विचार किया गया है वह समवायांग है। इसमें एक लाख 64 हजार पद है।

Previous post अरिहंत! Next post *अनशन :*!
Privacy Policy